भगवान विष्णु के १०८ नाम

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वैसे तो भगवान विष्णु के नाम अनंत हैं किन्तु विष्णु पुराण में उनके १००८ मुख्य नामों का वर्णन है जिसे हम

“विष्णु सहत्रनाम”

कहते हैं। उन १००८ नामों में भी १०८ नाम प्रमुख बताये गए हैं। कहा जाता है कि जो कोई भी श्रीहरि के इन नामों का वाचन, श्रवण अथवा स्मरण करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

आइये उन नामों और उनके मन्त्रों को जानते हैं।

विष्णु: ऊँ श्री विष्णवे नम:
परमात्मा: ऊँ श्री परमात्मने नम:
विराट पुरुष: ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:
क्षेत्रज्ञ: ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:
केशव: ऊँ श्री केशवाय नम:
पुरुषोत्तम: ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:
ईश्वर: ऊँ श्री ईश्वराय नम:
हृषिकेश: ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:
पद्मनाभ: ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:
विश्वकर्मा: ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:
वेदात्मन: ॐ श्री वेदात्मने नमः
प्रजापति: ऊँ श्री प्रजापतये नम:
हिरण्यगर्भ: ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:
सुरेश: ऊँ श्री सुरेशाय नम:
सर्वदर्शन: ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:
सर्वेश्वर: ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम:
अच्युत: ऊँ श्री अच्युताय नम:
वासुदेव: ऊँ श्री वासुदेवाय नम:
पुण्डरीकाक्ष: ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम:
भूतभव्यभवत्प्रभ: ॐ श्री भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः
जनार्दन: ऊँ श्री जनार्दनाय नम:
लोकाध्यक्ष: ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
चतुर्भुज: ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:
धर्माध्यक्ष: ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम:
उपेंद्र: ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:
माधव: ऊँ श्री माधवाय नम:
महाबली: ऊँ श्री महाबलाय नम:
गोविन्द: ऊँ श्री गोविन्दाय नम:
वैकुण्ठ: ॐ श्री वैकुण्ठाय नमः
विश्वात्मा: ऊँ श्री विश्वातमने नम:
सहस्त्राक्ष: ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:
नारायण: ऊँ श्री नारायणाय नम:
महेंद्र: ऊँ श्री महेन्द्राय नम:
जगत्कारण: ॐ श्री जगत्कारणाय नमः
अनंतजय: ऊँ श्री अनन्तजिते नम:
महीधर: ऊँ श्री महीधराय नम:
गरुड़ध्वज: ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
लक्ष्मीपति: ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:
दामोदर: ऊँ श्री दामोदराय नम:
कमलापति: ऊँ श्री कमलापतये नम:
परमेश्वर: ऊँ श्री परमेश्वराय नम:
धनेश्वर: ऊँ श्री धनेश्वराय नम:
मुकुंद: ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:
आनंद: ऊँ श्री आनन्दाय नम:
सत्यधर्म: ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:
जगन्नाथ: ॐ श्री जगन्नाथाय नमः
चक्रगदाधर: ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:
भगवत: ऊँ श्री भगवते नमः
शान्तिदेय: ऊँ श्री शान्तिदाय नम:
गोपत: ऊँ श्री गोपतये नम:
श्रीपत: ऊँ श्री श्रीपतये नम:
श्रीहर: ऊँ श्री श्रीहरये नम:
रघुनाथ: ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:
कपिलेश्वर: ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:
विभव: ॐ श्री विभवे नमः
स्वभू: ॐ श्री स्वभुवे नमः
भागीरथीजन्मभूमि पादपद्मा: ॐ श्री भागीरथीजन्मभूमि पादपद्माय नमः
हयग्रीव: ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:
प्रह्लादपरिपालक: ॐ श्री प्रह्लादपरिपालकाय नमः
विशुद्धात्मा: ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम :
केशव: ऊँ श्री केश्वाय नम:
धनंजय: ऊँ श्री धनंजाय नम:
ब्राह्मणप्रिय: ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:
यदुश्रेष्ठ: ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:
लोकनाथ: ऊँ श्री लोकनाथाय नम:
भक्तवत्सल: ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:
चतुर्मुर्त: ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:
एकपद: ऊँ श्री एकपदे नम:
सुलोचन: ऊँ श्री सुलोचनाय नम:
सर्वतोमुख: ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:
सप्तवाहन: ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:
वंशवर्धन: ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:
आदिदेव: ॐ श्री आदिदेवाय नमः
अव्यय: ॐ श्री अव्ययाय नमः
प्रीतिवर्धन: ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:
सुधाप्रद: ॐ सुधाप्रदाय नमः
अक्रूर: ऊँ श्री अक्रूराय नम:
विराड्रूप: ॐ श्री विराड्रूपाय नमः
भूभव: ऊँ श्री भूभवे नम:
प्राणदायक: ऊँ श्री प्राणदाय नम:
देवकीनंदन: ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:
शङ्खभृत: ऊँ श्री शंख भृते नम:
परात्पर: ॐ श्री परात्पराय नमः
कमलनयन: ऊँ श्री कमलनयनाय नम:
जगतगुरु: ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:
सनातन: ऊँ श्री सनातन नम:
सच्चिदानंद: ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:
द्वारकानाथ: ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:
लीलामानुषविग्रह: ॐ श्री लीलामानुषविग्रहाय नमः
दयानिधि: ऊँ श्री दयानिधि नम:
एकात्मा: ऊँ श्री एकातम्ने नम:
शत्रुजित: ऊँ श्री शत्रुजिते नम:
घनश्याम: ऊँ श्री घनश्यामाय नम:
श्रीधर: ॐ श्री श्रीधराय नमः
शान्तात्म: ॐ श्री शान्तात्मने नमः
सर्वफलदायक: ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:
शेषशायी: ॐ श्री शेषशायिने नमः
यशोदानन्दन: ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:
परमधर्म: ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:
गरुड़ध्वज: ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
प्रभव: ऊँ श्री प्रभवे नम:
लक्ष्मीकांत: ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:
गगनसदृश्य: ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:
पञ्चजन्यधरा: ॐ श्री पंचनयधराय नम:
वनमाली: ॐ श्री वनमालिने नमः
देवदेव: ॐ श्री देवदेवाय नमः
प्रकट: ऊँ श्री प्रकटाय नमः
महाविष्णु: ॐ श्री महाविष्णवे नमः



Although the names of Lord Vishnu are infinite, but Vishnu Purana describes his 1008 main names, which we

“Vishnu Sahatranam”

it is said. Out of those 1008 names, 108 names have been mentioned as prominent. It is said that whoever reads, hears or remembers these names of Sri Hari, all his sins are destroyed.

Let us know those names and their mantras.

विष्णु: ऊँ श्री विष्णवे नम: परमात्मा: ऊँ श्री परमात्मने नम: विराट पुरुष: ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम: क्षेत्रज्ञ: ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम: केशव: ऊँ श्री केशवाय नम: पुरुषोत्तम: ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम: ईश्वर: ऊँ श्री ईश्वराय नम: हृषिकेश: ऊँ श्री हृषीकेशाय नम: पद्मनाभ: ऊँ श्री पद्मनाभाय नम: विश्वकर्मा: ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम: वेदात्मन: ॐ श्री वेदात्मने नमः प्रजापति: ऊँ श्री प्रजापतये नम: हिरण्यगर्भ: ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम: सुरेश: ऊँ श्री सुरेशाय नम: सर्वदर्शन: ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम: सर्वेश्वर: ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम: अच्युत: ऊँ श्री अच्युताय नम: वासुदेव: ऊँ श्री वासुदेवाय नम: पुण्डरीकाक्ष: ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम: भूतभव्यभवत्प्रभ: ॐ श्री भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः जनार्दन: ऊँ श्री जनार्दनाय नम: लोकाध्यक्ष: ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम: चतुर्भुज: ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम: धर्माध्यक्ष: ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम: उपेंद्र: ऊँ श्री उपेन्द्राय नम: माधव: ऊँ श्री माधवाय नम: महाबली: ऊँ श्री महाबलाय नम: गोविन्द: ऊँ श्री गोविन्दाय नम: वैकुण्ठ: ॐ श्री वैकुण्ठाय नमः विश्वात्मा: ऊँ श्री विश्वातमने नम: सहस्त्राक्ष: ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम: नारायण: ऊँ श्री नारायणाय नम: महेंद्र: ऊँ श्री महेन्द्राय नम: जगत्कारण: ॐ श्री जगत्कारणाय नमः अनंतजय: ऊँ श्री अनन्तजिते नम: महीधर: ऊँ श्री महीधराय नम: गरुड़ध्वज: ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम: लक्ष्मीपति: ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम: दामोदर: ऊँ श्री दामोदराय नम: कमलापति: ऊँ श्री कमलापतये नम: परमेश्वर: ऊँ श्री परमेश्वराय नम: धनेश्वर: ऊँ श्री धनेश्वराय नम: मुकुंद: ऊँ श्री मुकुन्दाय नम: आनंद: ऊँ श्री आनन्दाय नम: सत्यधर्म: ऊँ श्री सत्यधर्माय नम: जगन्नाथ: ॐ श्री जगन्नाथाय नमः चक्रगदाधर: ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम: भगवत: ऊँ श्री भगवते नमः शान्तिदेय: ऊँ श्री शान्तिदाय नम: गोपत: ऊँ श्री गोपतये नम: श्रीपत: ऊँ श्री श्रीपतये नम: श्रीहर: ऊँ श्री श्रीहरये नम: रघुनाथ: ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम: कपिलेश्वर: ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम: विभव: ॐ श्री विभवे नमः स्वभू: ॐ श्री स्वभुवे नमः भागीरथीजन्मभूमि पादपद्मा: ॐ श्री भागीरथीजन्मभूमि पादपद्माय नमः हयग्रीव: ऊँ श्री हयग्रीवाय नम: प्रह्लादपरिपालक: ॐ श्री प्रह्लादपरिपालकाय नमः विशुद्धात्मा: ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम : केशव: ऊँ श्री केश्वाय नम: धनंजय: ऊँ श्री धनंजाय नम: ब्राह्मणप्रिय: ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम: यदुश्रेष्ठ: ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम: लोकनाथ: ऊँ श्री लोकनाथाय नम: भक्तवत्सल: ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम: चतुर्मुर्त: ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम: एकपद: ऊँ श्री एकपदे नम: सुलोचन: ऊँ श्री सुलोचनाय नम: सर्वतोमुख: ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम: सप्तवाहन: ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम: वंशवर्धन: ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम: आदिदेव: ॐ श्री आदिदेवाय नमः अव्यय: ॐ श्री अव्ययाय नमः प्रीतिवर्धन: ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम: सुधाप्रद: ॐ सुधाप्रदाय नमः अक्रूर: ऊँ श्री अक्रूराय नम: विराड्रूप: ॐ श्री विराड्रूपाय नमः भूभव: ऊँ श्री भूभवे नम: प्राणदायक: ऊँ श्री प्राणदाय नम: देवकीनंदन: ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम: शङ्खभृत: ऊँ श्री शंख भृते नम: परात्पर: ॐ श्री परात्पराय नमः कमलनयन: ऊँ श्री कमलनयनाय नम: जगतगुरु: ऊँ श्री जगतगुरूवे नम: सनातन: ऊँ श्री सनातन नम: सच्चिदानंद: ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम: द्वारकानाथ: ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम: लीलामानुषविग्रह: ॐ श्री लीलामानुषविग्रहाय नमः दयानिधि: ऊँ श्री दयानिधि नम: एकात्मा: ऊँ श्री एकातम्ने नम: शत्रुजित: ऊँ श्री शत्रुजिते नम: घनश्याम: ऊँ श्री घनश्यामाय नम: श्रीधर: ॐ श्री श्रीधराय नमः शान्तात्म: ॐ श्री शान्तात्मने नमः सर्वफलदायक: ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम: शेषशायी: ॐ श्री शेषशायिने नमः यशोदानन्दन: ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम: परमधर्म: ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम: गरुड़ध्वज: ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम: प्रभव: ऊँ श्री प्रभवे नम: लक्ष्मीकांत: ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम: गगनसदृश्य: ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम: पञ्चजन्यधरा: ॐ श्री पंचनयधराय नम: वनमाली: ॐ श्री वनमालिने नमः देवदेव: ॐ श्री देवदेवाय नमः प्रकट: ऊँ श्री प्रकटाय नमः महाविष्णु: ॐ श्री महाविष्णवे नमः

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