दिल के भाव

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हे मेरे भगवान् मेरे ये राम राम राम की माला हर घङी और हर पल मेरे अन्दर चलती रहे।ये माला जिस दिन रूके उस समय सांस ही रुक जाऐ जय श्री राम जय श्री राधे कृष्ण
जय श्री राम जय श्री राधे कृष्ण जब दिल मे राधे राधे राम राम सुनने की तङफ जागृत हो तब हमे मन ही मन में राधे एक राधे दो राधे तीन ऐसे राम राम राधे राधे करना चाहिए तङफ शांत होकर आनंद मे परिवर्ती हो जाती है।

भगवान सोएगे नहीं बस थोड़ा सा हमारे हृदय में विश्राम करेंगे।
ये सब भाव जो भी मै शब्द रूप देती हूँ सब भाव दिल मे बनते रहते है। भक्त भगवान के भाव मे रहता है। हर क्षण भगवान के भाव मे रहते हुए भगवान मे खो जाता है तभी भाव बनते हैं। कब श्री हरि आऐंगे उन्हें दिल की आंखों से निहारूगी। दिल भगवान नाथ मे खो जाएगा।

अध्यात्मवाद एक प्रैक्टिकल जीवन पर अधारित है

जय श्री राम जय श्री राधे कृष्ण  राम नाम कृष्ण नाम राधे राधे भगवान के नाम में अमृत भरा हुआ है। नाम पर हमारी नजर इतनी गहरी हो कि एक राम मुख से लेते ही दिल के तारो में झंकार पैदा हो जाए। भगवान् के भाव में खो जाऊं जय श्री राम
अनीता गर्ग

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