जीवन सङक की तरह

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जीवन में उतार चढाव आते ही रहते हैं। यह जीवन सङक की तरह से है। सङक पर हम सीधे चलते चलते कभी राईट कभी लफट चलते हैं तो कभी सङक ऊंची नीची आती है। ऐसे ही हमारा जीवन है हमारे जीवन में सबकुछ ठीक चलते हुए भी हमे अपने जीवन में अनेक परेशानियों से जुझना पङता है।जीवन में उतार चढाव आते ही रहते हैं हमे धर्य पुरवक कठिनाइयों का सामना करना है। हम समझते हैं कि सुख ही सुख हो। जीवन का उतार चढाव से हमारा जीवन निखरता है

हम समझते हैं कि हमारे ऊपर बहुत बङा संकट आ गया है। अहो अब मै क्या करू। जीवन मे जब हमारी विपरीत परिस्थितियां होती है। तब हम बहुत से संकीर्ण विचार हमें घेर लेते हैं। हमे सबसे पहले अपने से पुछना चाहिए कि क्या तुने जीवन में कोई गलती की है तब मन कहता है कि मैने कोई गलती नहीं की है। जब मैने जीवन के प्रति सब कर्तव्य निभाऐ है। फिर मै अपने आपको क्यों दोस देता हूं।  मुझे अपने जीवन को बचाना है। मै सक्षम हो कर ही परिस्थिति से जुझ सकता हूं। मुझे अन्य की न सोच कर भगवान की भक्ति को करनी चाहिए। एक सच्चा भक्त हर परिस्थिति में भगवान को भजता है।जय श्री राम अनीता गर्ग

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