(तर्ज: सांवरे की महफ़िल को)
जिसने भी बाबा को भावों से सजाया है ,
उसने तो बाबा को हर पल साथ पाया है ,
अँखियों में सुरमा तो लागे है प्यारा ,
होठों की लाली का अज़ब नज़ारा ,
देख के चंदा शरमाया है ,
उसने तो बाबा …..
हीरो जड़ी ये पगड़ी पहनाई ,
बाबा को देखो ये है मन भाई ,
केशरिया बागा मन भाया है ,
उसने तो बाबा …..
काला तो टिका इनको लगाओ ,
लग नहीं जाए नज़र बचाओ ,
सांवरिया थोड़ा मुस्काया है ,
उसने तो बाबा …..
सूरत पे जाऊँ मैं बलिहारी ,
‘प्रियंका’ नज़र उतारूंगी थारी ,
भक्तों के मन को तू भाया है ,
उसने तो बाबा …..
(Line: To the evening of the evening)
Whoever has decorated Baba with such expressions,
He has found Baba with every apple .
There is surma in eyes so dear,
The strange sight of the redness of the lips
See that Chanda is shy
He said so baba…..
Hero wore this turban,
Look at baba it is mind brother,
Keshriya Baga is my mind
He said so baba…..
Put them in black
Look, don’t go, save your eyes.
Saawariya smiles a little,
He said so baba…..
I will go to Surat.
‘Priyanka’ will take a look at Thari,
You have liked the mind of the devotees.
He said so baba…..