भगवान की सच्ची भक्ति करोड़ो में से कोई एक करता है। किसी के दिल में यह प्रश्न उठता है कि मैं भगवान के दर्शन कर लु।
वह भगवान को भजता है तभी उसके दिल में भगवान के दर्शन की इच्छा जाग्रत होती है। ठहर ठहर कर दिल पुकारता है कैसे हरि के दर्शन होंगे। भजन कीर्तन बहुत करते हैं मुर्ति दर्शन तक ही सिमट कर रह जाते हैं। करोड़ों में कोई एक का दिल भगवान के दर्शन के लिए तङफता है। अन्य तो भगवान से प्रार्थना में मांगते ही रहते हैं।
कोई एक कहता है कि तुझे मैं निहारना चाहता हूं।तुझे जानना चाहता हूं। तुझमे समा जाना चाहता हूँ। तुम्हारा बन जाना चाहता हूं। तु प्रियतम हैं तु प्रभु प्राण नाथ है तेरी लीला का मै पार नहीं पाता हूं। तुझे दिल में बिठा कर होश खो देना चाहता हूँ। भगवान के लिए नीर बहाता है। जिन नैनो ने नीर बहाया है। विधियों से ऊपर उठ जाते हैं। जय श्री राम अनीता गर्ग
जय श्री राम