मैं किसके लिए सुलभ हूँ
“अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः।तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनः।।”(श्रीमद्भगवद्गीता, ८/१४) “हे अर्जुन! जो अनन्य भाव से निरन्तर मेरा स्मरण
“अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः।तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनः।।”(श्रीमद्भगवद्गीता, ८/१४) “हे अर्जुन! जो अनन्य भाव से निरन्तर मेरा स्मरण
एक निकुंज में कान्हा जी एक पत्र में कुछ लिख रहे हैं, तभी एक गोपी उस वन की ओर आने
ठाकुर जी अपने बाल सखाओं के संग गोपी के घर माखन चोरी करने के उद्देश्य से गए। गोपी अपनी चौखट
एक बार अर्जुन ने कृष्ण से पूछा-माधव.. ये ‘सफल जीवन’ क्या होता है ? कृष्ण अर्जुन को पतंग उड़ाने ले
दक्षिण भारत से किसी समय एक कृष्ण भक्त वैष्णव साधु वृंदावन की यात्रा के लिए आए थे । एक बार
जसुमति मैया ने देखा कि गाँव के अधिकांश बालक गुरूजी से शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं, चाहे अति अल्पकाल के
बच्चे के जन्म के बाद छठी पूजन क्यों किया जाता है ? जानें, भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन उत्सव कैसे
श्री शुकदेव जी कहते हैं- परीक्षित! अब समस्त शुभ गुणों से युक्त बहुत सुहावना समय आया। रोहिणी नक्षत्र था। आकाश
सबसे पहले कहां और क्यों शुरु हुई जन्माष्टमी मनाने की परम्परा ? जन्माष्टमी व्रत का क्या पुण्य-फल है ? भगवान
कोई गोपी उद्धव पर व्यंग्य करती है। मथुरा के लोगों का कौन विश्वास करे? उनके तो मुख में कुछ