*राधा तत्व*
श्री राधा रानी जी कृपा से परिपूर्ण हैं। करुणा तो किसी के भी ह्रदय में जागृत हो सकती है मगर
श्री राधा रानी जी कृपा से परिपूर्ण हैं। करुणा तो किसी के भी ह्रदय में जागृत हो सकती है मगर
राधे राधेजय श्री कृष्णाएक कथा के अनुसार, ब्रह्माजी द्वारा वरदान प्राप्त कर राजा सुचंद्र एवं उनकी पत्नी कलावती कालांतर में
रा + धा=राधा‘रा’ से बीज मन्त्र ‘धा’ से धारणा की होती सिद्धि, और होती शुकदेव की समाधि अनायास है।मेरी रसना
श्री कृष्णप्राणेश्वरी श्री किशोरी जु माधुर्य सार सर्वस्व की अधिष्ठात्री है । अर्थात माधुर्य जो भी है वह उनकी कृपा
“बरसाना”बरसाने की पीली पोखर से प्रेम सरोवर जाने वाले रास्ते से कुछ हटकर वन प्रांत में एक पुराना चबूतरा है।
एक संत थे वृन्दावन में रहा करते थे, श्रीमद्भागवत में बड़ी निष्ठा थी उनकी, उनका प्रतिदिन का नियम था कि
कल कल करती हुई कालिंदी बह रहीं थीं। घना कुँज था फूल खिले थे उसमे से निकलती मादक सुगन्ध सम्पूर्ण
यहाँ प्रवेश करते ही आत्मा की सुप्त-बैटरी स्वत: ही चार्ज होने लगती है। सिग्नल मिलने लगते हैं; यदि यंत्र ठीक
हूँ तो चेरी राधे कौ, नाम रटूँ राधे कौ,सुमिरन नित राधे कौ राधे कौ ध्यान जू ।भजन करूं राधे कौ,
मेरी और ठौर गति नाहीं तुम्हरोई दास कहाऊँ ॥सदा-सदा में शरण तुम्हरी तुम्हरो जस नित गाऊँ।तुम्हरे मृदुल चरण कमलन में