प्रेरणादायक कहानी
कंजूसी का परिणाम
एक गांव में गरीब ब्राह्मण था।।उसे अपनी कन्या का विवाह करना था।। उसने विचार किया कि राम कथा करने से
एक गांव में गरीब ब्राह्मण था।।उसे अपनी कन्या का विवाह करना था।। उसने विचार किया कि राम कथा करने से
दीख जाइ उपबन बर सर बिगसित बहु कंज।मंदिर एक रुचिर तहँ बैठि नारि तप पुंज।। अर्थ-अंदर जाकर उन्होंने एक उत्तम
समुद्रतट पर एक व्यक्ति चिंतातुर बैठा था, इतने में उधर से विभीषण निकले।.उन्होंने उस चिंतातुर व्यक्ति से पूछाः क्यों भाई
आप सभी बंधुजनो, माताओं और बहनों सभी को माता सीता और प्रभु श्रीराम की परिणय वर्षगांठ विवाह पंचमी की हार्दिक
आप सभी बंधुजनो, माताओं और बहनों सभी को माता सीता और प्रभु श्रीराम की परिणय वर्षगांठ विवाह पंचमी की हार्दिक
जो रोम-रोम में रहता है, जो समूचे ब्रह्मांड में रमण करता है।वह “राम” आखिर क्या हैं ?… राम जीवन का
एक भक्त भगवान से कैसे जुड़ता है। यह भक्त के जीवन की कथा है। भक्त के घर की दिवार पर
शबरी बोली, यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो हे राम! तुम यहाँ कहाँ से आते ? राम गंभीर
शबरी को आश्रम सौंपकर महर्षि मतंग जब देवलोक जाने लगे, तब शबरी भी साथ जाने की जिद करने लगीं ।
श्री सियावर रामचन्द्रजी की जय दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्रजी अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात