मेरे सर पे गुरु ने जब से हाथ धरा
मेरे सर पे गुरु ने जब से हाथ धरा बस उसी दिन से सीने में उजियार है देवता फिरते है
मेरे सर पे गुरु ने जब से हाथ धरा बस उसी दिन से सीने में उजियार है देवता फिरते है
“एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा” होली खेलो मेरे साजना तन मन धन बारुंगी मेरे घर आऔ जी पाहना तेरी
मिलते नहीं है भगवान गुरु के बिना गंगा में नहा ले चाहे यमुना में नहा ले, न्हाले चाहे हरिद्वार गुरु
मैं रोज उडीका लाइयाँ ने कद साई मेरे वल आवेगा, जिद्दी राह विच अखियां बिछाइयाँ ने कद आके फेरा पावेगा
पलक में भर के दिखा रहे फिलक से हम यही गा रहे, कराने वाला करा रहा है करनहार हम किये
नजरो में अपनी रखना तू मुझको हर पेहर, बस इतनी सी कर देना प्रभु मुझे बस मेहर, नजरो में अपनी
तू मेरा जीवन आसरा मेरे शहंशाह मेरे सतगुरु प्यारे, मैं ता बस हुन जी रही आ इक तेरे सहारे अठे
एक तेरा संग हो बाबा मेरे तो जीवन है मेरा सदा बेफिक्र , तेरी यादो में डुभा है दिल मेरा
दृष्टि ने तुम्हारी बाबा हम सब की सृष्टि बदल दी, इक शक्ति अलौकिक भर दी आनंद में सृष्टि कर दी,
देवतेया ने आज फूल बरसाए वेखो जी वेखो मेरे गुरु जी आये, सबना ने आके शीश झुकाये वेखो जी वेखो