श्याम धनि संग होली खेलन वेला आयो रे
रंग रंगीला देखो फागुन मेला आयो रे श्याम धनि संग होली खेलन वेला आयो रे रंग रंगीला देखो फागुन मेला
रंग रंगीला देखो फागुन मेला आयो रे श्याम धनि संग होली खेलन वेला आयो रे रंग रंगीला देखो फागुन मेला
सांवरे के रहते क्यों घबराता है, भावो के आंसू तू क्यों न चरणों में बहाता है, सांवरे के रहते क्यों
जब कोई तकलीफ सताए जब जब मन घबराता है मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया सर पे हाथ फिराता है लोग ये
खाटू के बाबा श्यामजी, मेरी रखोगे लाज, मीरा के घनश्यामजी,मेरी रखोगे लाज, एक भरोसो थारो हे,तू ही पत राखनवारो हे,
दो नावों की सवारी करना अब तू छोड़ दे तू इसको छोड़ दे या इसपे छोड़ दे सोच के देख
तू श्याम शरण में आ जा रे फिर मन चाहा फल पा जा रे, लाखो देखे हमने दर पे रो
जयकारो से गूंज उठा सारा खाटू धाम रे, भक्त दीवाने नाच रहे ले हाथो में निशान रे, दूर दूर भक्त
सारा सारा दिन तेरे बिन मेरा दिल नही लगता बाबा सारी सारी रात तेरी बात मेरा दिल करता है बाबा
देखो लीले पे होके सवार मेरे सरकार आये है हुई कुटियाँ मेरी गुलजार मेरे सरकार आये है, हाथो में मोर
जाने कितनो की किस्मत यहाँ आके सवरी है, तिहु लोक में तो कोई और नहीं मेरे बाबा की खाटू नगरी