चलो चले माँ के दरबार
चलो चले माँ के दरबार कहने अपनी दिल की आस, माँ तो सब की सुनती है करती सब किरपा अपार,
चलो चले माँ के दरबार कहने अपनी दिल की आस, माँ तो सब की सुनती है करती सब किरपा अपार,
दर पे आया है भिखारी अर्जी सुन लो हमारी , दुनिया जानती है तुम को तेरी महिमा निराली, तू ही
देवी माँ देवी माँ मेरी रख लई लाज, इस दुनिया दे अंदर मेरा कोई नहीं तेरे वाज, देवी माँ देवी
कर्म करो माँ कर्म करो माँ तुम करुणा की दानी, मैं पापी हु मैं लोभी हु मैं मूरख अज्ञानी, कर्म
ਓਹ ਤਾ ਕਦੇ ਨਾ ਡੁਬਦੇ ਜੀ, ਜੇਹੜੇ ਸ਼ੇਰਾਂ ਵਾਲੀ ਨੇ ਤਾਰੇ ਮਾਂ ਚਿੰਤਾਪੁਰਨੀ ਨੂੰ ,ਤਾਹੀਓਂ ਮੰਨਦੀਆ ਕੁੰਟਾ ਚਾਰੇ ਓਹ ਤਾ
खेर माई रे मोरी खेर माई, कहा लगा गई देर माई, अरे सुन ले मोरी भी टेर माई, कहा लगा
थोड़ा तेथो मांग्या ते मिलिया बथेरा, शूकर है तेरा माये शूकर है तेरा, खुशिया दा साडे घर होया है बसेरा,
गल मोत्यां को हार सिर चुनड़ चमक धार, देकर सोलाहा शृंगार माँ बनडी सी लागो जी, थारे हाथ सुनी चंगी
कल दिन था बड़ा ही पावन माँ ने भगाये जगाया है, मैया ने मैसेज कर के मुझे ऑनलाइन भुलाया है,
मैं नन्ना फूल तेरा माँ तेरी भगिया की डाली का, तेरे होते क्यों गीली है मेरी अखियां बता दो माँ,