काँधे कावड़ ठाली भोले
काँधे कावड़ ठाली भोले, मन मैं धर लिया ध्यान तेरा, मेरी मंज़िल ने पार लगाईये, मानूंगा अहसान तेरा, जय भोले
काँधे कावड़ ठाली भोले, मन मैं धर लिया ध्यान तेरा, मेरी मंज़िल ने पार लगाईये, मानूंगा अहसान तेरा, जय भोले
ह्मा चाले विष्णु चाले चाले नंदी साथ मैं, मनै भी जाणा सै भोले मनै ले चल तेरी बरात मैं, भूत
भोले को घर में बुलाये महिमा भोले की गाये चरणों में धोक लगाये और डमरू भ्जाये , भोले जी को
ओ तेरा किसने किया श्रृगारं भोले सावरिया तुम्हें किसने लगाया गुलाल भोले सावरिया ओ तेरा किसने किया श्रृगारं जटाजूट माथे
तेरे ख्यालो में खोया रहू मैं जागु दिन और रात आओ आ जाओ भोले नाथ, हे शिव शंकर हे परलेयंकर
बन ठन देखो चले शिव की बारात दूल्हा बने है शिव शम्भु जी आज बाजे नगाड़ा ढोल डमरू का साज
चाहे तू तन पे भस्म रमा ले चाहे गले में नाग फसा ले, चाहे तू तन पे भस्म रमा ले
आज तो गोरा रे देखो बनी रे दुल्हनिया चली ईसर जी के साथ जरा देखन दो, देखन दो, शीश गोरा
सुखी रहे जग सारा प्रभु, दुखिया रहे न कोय, ऐसी विनती हम सबकी, बाबा पूरी होय , बल बुद्धि विद्या
की लेना दुनिया से भोले धर दे सिर पे हाथ तेरा मैं जोगन बन के नाचू गी तू देदे भोले