शरीर हमें जीवन यात्रा के वाहन के रूप में मिला है।
मैं किसी आफिस काम के लिए फ्लाइट से बैंगलोर से मुम्बई जा रहा था। यह विमान का इकोनॉमी क्लास था।
मैं किसी आफिस काम के लिए फ्लाइट से बैंगलोर से मुम्बई जा रहा था। यह विमान का इकोनॉमी क्लास था।
किसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है
पिता अपने बेटे के साथ पांचसितारा होटल में प्रोग्राम अटेंड करके कार से वापस जा रहे थे। रास्ते में
बचपन में यह खेल हम सभी ने खेला होगा।और यदि नहीं तो आज ठाकुर जी के साथ सीख लों। बाल
पहले हम यह समझते थे कि हम जल्दी से घर जाए घर की एक एक चीज को चमका कर
( प्रभु के योग्य स्वयं बनें )एक राजा सायंकाल में महल की छत पर टहल रहा था ! अचानक उसकी
एक समय की बात है… गंगा नदी के किनारे पीपल का एक पेड़ था। पहाड़ों से उतरती गंगा पूरे वेग
मेरी यह पोस्ट उन तमाम महिलाओ के लिए है जिन्हें लगता है कि मां बाप के जाने के बाद अब
गौरी अपनी मनपसंद गारमेंट्स की दुकान से कुछ कपडे लेने आई थी तभी एक पुरानी सी पसीने से तरबतर कमीज
जीवन में संग का बहुत बड़ा प्रभाव होता है। किसी व्यक्ति के जीवन को देखकर यह समझा जा सकता है