राजा की साधु-वेशमें बड़ी निष्ठा
🛕जय श्री राम🙏 किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन
🛕जय श्री राम🙏 किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन
मूर्तिकार की अनुभूति गर्भगृह में प्रवेश करते ही मूर्ति की आभा बदल गई रामलला की मूर्ति बनते हुए देखनें रोज
” श्रीगणेशायनम: ! अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य । बुधकौशिक ऋषि: । श्रीसीतारामचंद्रोदेवता ।अनुष्टुप् छन्द: । सीता शक्ति: । श्रीमद्हनुमान् कीलकम् ।श्रीसीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे जपे
श्रीकृष्ण शयन-कक्ष में कुछ खोज रहे हैं। बार-बार तकिये को उठाकर देख रहे हैं। नीलाभ वक्ष पर रह-रहकर कौस्तुभमणि झूलने
(अंक – १)श्री रामचरितमानस में राम कथा का प्रारंभ मुनि भारद्वाज एवं ज्ञानी याज्ञवल्क्य के संवाद से प्रारंभ होता है।
आरती रामलला की कीजै आरती रामलला की कीजै,अपनो जन्म सुफल करि लीजै। अवधपुरी अति रम्य सुहावनि,सरजू तट सुन्दर अति पावनि,निरमल
गांव के सरकारी स्कूल में संस्कृत की क्लास चल रही थी। गुरूजी दिवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे।
हल्दुआ ग्राम में जब सूरज की किरण पड़ती है तो दूर-दूर फैले झोपड़े दिखाई देने लगते हैं मानो वे खेत
लंका प्रवेश के लिए समुंद्र पर सेतु निर्माण के समय भगवान श्रीराम ने रामेश्वरम में महादेव को प्रसन्न करने के
तुलसीदासजी जब रामचरित- मानस लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी सिय राम मय सब जग जानी,करहु प्रणाम जोरी