इस मन का क्या भरोसा ?*
एक संत एक छोटे से आश्रम का संचालन करते थे। एक दिन पास के रास्ते से एक राहगीर को पकड़कर
एक संत एक छोटे से आश्रम का संचालन करते थे। एक दिन पास के रास्ते से एक राहगीर को पकड़कर
भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि जो जन्म लेता है
कोई भक्त,रसिक जब लम्बी गहरी सांस लेकर..आँखों में प्रेमाश्रु भर कर..आह कृष्ण…हे गोविन्द !..मेरे माधव कह कर पुकारता है तो
श्री कृष्ण के प्रति गोपियों का प्रेम इतना अधिक बढ़ गया था कि वह उनका वियोग एक क्षण भी नहीं
( एक शिक्षक के पेट में ट्यूमर (गाँठ) हो गया । उन्हें अस्पताल में भर्ती कर दिया गया । अगले
।। नमो आंजनेयम् ।। महाबली रामभक्त श्रीहनुमान जी के अस्त्र-शस्त्रों में पहला स्थान उनकी गदा का है। आपको जानकर हैरानी
छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में कभी भी किसी औरत का नाच गाना नहीं होता था, महिलाओं का हमेशा सम्मान
एक नट था , मदारी , वो लोगों के मनोरंजन के लिए करतव दिखाया करता था और अपना जीविका चलाता
सुदामा का स्नान भोजनादि सब हो चुका था, श्रीकृष्ण अब अपने इस सखा का प्रेम से हाथ पकडे वहाँ ले
विष्णु जी ने दिया था लक्ष्मी जी को श्रापदेवी भागवत पुराण के छठे स्कंद में श्री हरि विष्णु और मां