भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा व चारो का प्राकट्य

images

कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्
गोवर्धन लीला के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा का प्राकट्य किया। नंद-राय जी कन्हैया से बोले- कन्हैया, जब तुम्हारा जन्म नहीं हुआ था और हमारी आयु भी ढलने लगी थी तब हमने ये संकल्प किया था कि अगर हमारे यहाँ लल्ला हो जाए तो हम हरिद्वार जाकर पूरे परिवार सहित गंगा स्नान करेंगे। इसलिए मुझे अब गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार जाना है और तुम्हें भी मेरे साथ चलना होगा । कन्हैया ने कहा, बाबा आपको हरिद्वार जाने की ज़रूरत नहीं है, मैं गंगा को यहीं बुला लेता हूँ और भगवान श्री कृष्ण ने अपने मन से एक गंगा प्रकट कर दी जिसे कहते हैं “मानसी गंगा” और उस मानसी गंगा में सब ब्रजवासियों ने स्नान किया ।

नंदराय जी कुछ समय बाद बोले कन्हैया, वो मैंने एक और संकल्प किया था कि मैं चार धाम की यात्रा भी करूंगा और वह इसलिए बोली थी कि हमारे यहाँ लल्ला हो जाए, अब हमारा लल्ला तो 7-8 साल का हो गया है, तो अब चार धाम की यात्रा के लिए चलें ? भगवान ने कहा आपको चार धाम की यात्रा करने की भी आवश्यकता नहीं है, मैं उत्तराखंड के चारों धामों को यहीं बुला देता हूँ – आप चारों धाम की यात्रा यहीं कीजिए ।

तब भगवान श्री कृष्ण ने गंगोत्री, यमनोत्रि, बद्रीनाथ और केदारनाथ, चारों धामों को काम्य वन के क्षेत्र में विराजमान कर दिया । ऐसी मान्यता है कि ब्रज के इन चार धामों की यात्रा से उतराखंड के चार धामों की यात्रा का फल प्राप्त होता है..!!
🌹🙏🏻जय श्री राधे राधे 🙏🏻🌹

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *