श्रीहनुमान मंत्र

श्रीरामभक्त हनुमानजी के मंत्र, श्लोक और स्तोत्र जपने से हमेशा भक्तो का उद्धार होता आया है, क्योंकि कालों के काल महाकाल शिव का अवतारी स्वरूप होने से श्रीहनुमान जी हमेशा अपने भक्तो का बुरे वक्त में रक्षा कर, समय को अनुकूल, सुख-समृद्ध भी देते हैं। हर संकट की काट के लिए हनुमान उपासना का अत्यधिक महत्व बताया गया है।

मंगलवार के दिन दक्षिणमुखी या पंचमुखी हनुमान के दर्शन कर चरणों में नारियल अर्पित कर उनके चरणों का सिंदूर मस्तक पर लगाएं। नियत संख्या जैसे ११, २१, ५१ हनुमान मंदिर में श्रीहनुमान के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन करें।

नित्य १०८ बार इन मंत्रों में से किसी एक के जाप से परेशानियों एवं बाधाओं से मुक्ति मिलती है। हनुमानजी शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं और इसके लिए कुछ चमत्कारी मंत्र प्रस्तुत हैं।

भयनाश करने के लिए हनुमान मंत्र-

ॐ हं हनुमंते नम:।

प्रेत, भूत बाधा दूर करने के लिए मंत्र-

हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:।
अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।

यह हनुमान मंत्र भी अत्यंत असरकारक है-

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।

प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।
जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।

द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र-

ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।

मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए मंत्र-

महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते।
हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।

शत्रुओं और रोगों पर विजय पाने के लिए मंत्र-

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।

इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं-

हनुमान अंगद रन गाजे।
हांके सुनकृत रजनीचर भाजे।।

नासे रोग हरैं सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।

संकट दूर करने का हनुमान मंत्र-

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।

शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमानजी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।।

कर्ज से मुक्ति के लिए श्रीहनुमान मंत्र-

ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।

मुकदमे में विजय प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।

धन-सम्पत्ति प्राप्ति हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।

क्षमा-प्रार्थना मन्त्र-

हनुमानजी की पूजा के समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उनसे क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए!

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे।।

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए सुवर्णपुष्प समर्पण करना चाहिए-

वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम्।
पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न- समुज्जलम्।।

हनुमानजी की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें ऋतुफल समर्पण करना चाहिए-

फलं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम्।
समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक।।

इस मंत्र को पढ़ते हुए पवनपुत्र हनुमानजी को सिन्दूर समर्पण करना चाहिए-

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम्।
तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो।।

अंजनीपुत्र हनुमान की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए-

नीलोत्पलैः कोकनदैः कह्लारैः कमलैरपि।
कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर।।

हनुमानजी की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामृत समर्पण करना चाहिए-

मध्वाज्य- क्षीर- दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः।
पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर।।

मारुतिनंदन की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-

कुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव।
दास्यामि ते अन्जनीपुत्र। स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम्।।

हनुमानजी की सम्पूर्ण कृपा प्राप्ति के लिए १०८ बार इस मंत्र का जाप करें-

ॐ अहि ह्रीं हनुमते श्री राम दूताय नमः।।

ॐ रामदूताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्।।

अंजनीगर्भ संभूत मन्त्र-

अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।

हनुमान स्तोत्र-

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि।।

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं
तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम्
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं
मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।।

हनुमान गायत्री मंत्र-

ॐ अंजनी जाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमान प्रचोदयात्।।

हनुमान गायत्री मंत्र के बारे में भी ये मान्यता है कि अगर सवा लाख बार इस मंत्र का जप किया जाए तो साक्षात हनुमानजी के दर्शन होते हैं और उनसे मनचाही इच्छापूर्ति और मोक्षप्राप्ति का वर मिलता है।

।। श्रीहनुमते नमः ।।

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