राजादशरथकृत शनिस्तोत्र एवं १०८ नाम

।। ।।

जो व्यक्ति इसका पाठ निरंतर करता है। शनिदेव उससे प्रसन्न रहते हैं। उसे अकाल मृत्यु तथा हत्या का भय भी नहीं रहता है क्योंकि ढाल की तरह व्यक्ति की सुरक्षा होती है और ना ही ऎसे व्यक्ति को लकवे आदि का डर ही होता है, यदि किसी कारणवश आघातित हो भी जाए तब भी विकलांग नहीं होता है। चिकित्सा के बाद व्यक्ति फिर से चलना-फिरना आरंभ कर देता है। ।। शनिस्तोत्र ।।

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।। ।। शनिदेव के १०८ नाम मंत्र ।।

ऊँ शनैश्चराय नमः। ऊँ शान्ताय नमः।
ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः।ऊँ शरण्याय नमः।
ऊँ वरेण्याय नमः। ऊँ सर्वेशाय नमः।
ऊँ सौम्याय नमः। ऊँ सुरवन्द्याय नमः।
ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः।
ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः।
ऊँ सुन्दराय नमः। ऊँ घनाय नमः।
ऊँ घनरूपाय नमः।
ऊँ घनाभरणधारिणे नमः।
ऊँ घनसारविलेपाय नमः। ऊँ खद्योताय नमः।
ऊँ मन्दाय नमः। ऊँ मन्दचेष्टाय नमः।
ऊँ महनीयगुणात्मने नमः।
ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः।
ऊँ महेशाय नमः। ऊँ छायापुत्राय नमः।
ऊँ शर्वाय नमः। ऊँ शततूणीरधारिणे नमः।
ऊँ चरस्थिरस्वभावाय नमः।
ऊँ अचञ्चलाय नमः। ऊँ नीलवर्णाय नम:।
ऊँ नित्याय नमः।
ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः।
ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः।
ऊँ निश्चलाय नमः। ऊँ वेद्याय नमः।
ऊँ विधिरूपाय नमः।
ऊँ विरोधाधारभूमये नमः।
ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः।
ऊँ वज्रदेहाय नमः। ऊँ वैराग्यदाय नमः।
ऊँ वीराय नमः। ऊँ वीतरोगभयाय नमः।
ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः।
ऊँ विश्ववन्द्याय नमः। ऊँ गृध्नवाहाय नमः।
ऊँ गूढाय नमः। ऊँ कूर्माङ्गाय नमः।
ऊँ कुरूपिणे नमः। ऊँ कुत्सिताय नमः।
ऊँ गुणाढ्याय नमः। ऊँ गोचराय नमः।
ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः।
ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः।
ऊँ आयुष्यकारणाय नमः। ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः।
ऊँ विष्णुभक्ताय नमः। ऊँ वशिने नमः।
ऊँ विविधागमवेदिने नमः।
ऊँ विधिस्तुत्याय नमः।
ऊँ वन्द्याय नमः। ऊँ विरूपाक्षाय नमः।
ऊँ वरिष्ठाय नमः। ऊँ गरिष्ठाय नमः।
ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः।
ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः। ऊँ वामनाय नमः।
ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः।
ऊँ श्रेष्ठाय नमः।ऊँ मितभाषिणे नमः।
ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः। ऊँ पुष्टिदाय नमः।
ऊँ स्तुत्याय नमः। ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः।
ऊँ भक्तिवश्याय नमः। ऊँ भानवे नमः।
ऊँ भानुपुत्राय नमः। ऊँ भव्याय नमः।
ऊँ पावनाय नमः। ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः।
ऊँ धनदाय नमः। ऊँ धनुष्मते नमः।
ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः। ऊँ तामसाय नमः।
ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः।
ऊँ विशेशफलदायिने नमः।
ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः। ऊँ पशूनां पतये नमः।
ऊँ खेचराय नमः। ऊँ खगेशाय नमः।
ऊँ घननीलाम्बराय नमः।
ऊँ काठिन्यमानसाय नमः।
ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः।
ऊँ नीलच्छत्राय नमः। ऊँ नित्याय नमः।
ऊँ निर्गुणाय नमः। ऊँ गुणात्मने नमः।
ऊँ निरामयाय नमः। ऊँ निन्द्याय नमः।
ऊँ वन्दनीयाय नमः। ऊँ धीराय नमः।
ऊँ दिव्यदेहाय नमः। ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः।
ऊँ दैन्यनाशकराय नमः।
ऊँ आर्यजनगण्याय नमः। ऊँ क्रूराय नमः।
ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः। ऊँ कामक्रोधकराय नमः।
ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः।
ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः।
ऊँ परभीतिहराय नमः।
ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः।

।। ॐ शं शैनिश्चराय नमः ।।



।। ।।

The person who recites it continuously. Shani Dev is pleased with him. He does not even have the fear of premature death and murder because the person is protected like a shield, nor does such a person have the fear of paralysis etc. Even if he is injured for some reason, he does not become handicapped. After treatment, the person starts walking again. , Shanistotra.

Obeisance to you who are dark blue and shining like a cold neck Obeisances to you in the form of the fire of time and to you who are the cause of death.

Obeisance to the fleshless body and the long beard and matted hair. Obeisance to the large-eyed, the dry-bellied, the cause of fear.

“Obeisance to you with a large body and thick hair” Obeisance to you who are long and dry O biter of time Obeisance to you

“Obeisances to you whose eyes are invisible to the cave Obeisance to the terrible, dreadful, terrible Kapali.

Obeisance to you who devour all, O Valimukha, I offer my obeisances to you. O son of the sun I offer my obeisances to you who are the source of fear in the sun

O lower-sighted one, O Samvartaka, I offer my obeisances to you. Obeisance to you who move slowly Obeisance to you who are free from weapons

For a body burnt by austerities and always engaged in yoga. I offer my obeisances to you who are always hungry and never satisfied

O son of Kasyapa, the eye of knowledge, I offer my obeisances unto thee. When you are satisfied you give the kingdom and when you are angry you take it away immediately

devas asuras humans siddhas vidhyadharas and serpents All those you have seen are completely destroyed

O lord of the boars I have come to you have mercy on me Thus praised by the mighty king of Saurigra ।। 108 Names of Saturn Mantra.

ऊँ शनैश्चराय नमः। ऊँ शान्ताय नमः। ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः।ऊँ शरण्याय नमः। ऊँ वरेण्याय नमः। ऊँ सर्वेशाय नमः। ऊँ सौम्याय नमः। ऊँ सुरवन्द्याय नमः। ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः। ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः। ऊँ सुन्दराय नमः। ऊँ घनाय नमः। ऊँ घनरूपाय नमः। ऊँ घनाभरणधारिणे नमः। ऊँ घनसारविलेपाय नमः। ऊँ खद्योताय नमः। ऊँ मन्दाय नमः। ऊँ मन्दचेष्टाय नमः। ऊँ महनीयगुणात्मने नमः। ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः। ऊँ महेशाय नमः। ऊँ छायापुत्राय नमः। ऊँ शर्वाय नमः। ऊँ शततूणीरधारिणे नमः। ऊँ चरस्थिरस्वभावाय नमः। ऊँ अचञ्चलाय नमः। ऊँ नीलवर्णाय नम:। ऊँ नित्याय नमः। ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः। ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः। ऊँ निश्चलाय नमः। ऊँ वेद्याय नमः। ऊँ विधिरूपाय नमः। ऊँ विरोधाधारभूमये नमः। ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः। ऊँ वज्रदेहाय नमः। ऊँ वैराग्यदाय नमः। ऊँ वीराय नमः। ऊँ वीतरोगभयाय नमः। ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः। ऊँ विश्ववन्द्याय नमः। ऊँ गृध्नवाहाय नमः। ऊँ गूढाय नमः। ऊँ कूर्माङ्गाय नमः। ऊँ कुरूपिणे नमः। ऊँ कुत्सिताय नमः। ऊँ गुणाढ्याय नमः। ऊँ गोचराय नमः। ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः। ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः। ऊँ आयुष्यकारणाय नमः। ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः। ऊँ विष्णुभक्ताय नमः। ऊँ वशिने नमः। ऊँ विविधागमवेदिने नमः। ऊँ विधिस्तुत्याय नमः। ऊँ वन्द्याय नमः। ऊँ विरूपाक्षाय नमः। ऊँ वरिष्ठाय नमः। ऊँ गरिष्ठाय नमः। ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः। ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः। ऊँ वामनाय नमः। ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः। ऊँ श्रेष्ठाय नमः।ऊँ मितभाषिणे नमः। ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः। ऊँ पुष्टिदाय नमः। ऊँ स्तुत्याय नमः। ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः। ऊँ भक्तिवश्याय नमः। ऊँ भानवे नमः। ऊँ भानुपुत्राय नमः। ऊँ भव्याय नमः। ऊँ पावनाय नमः। ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः। ऊँ धनदाय नमः। ऊँ धनुष्मते नमः। ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः। ऊँ तामसाय नमः। ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः। ऊँ विशेशफलदायिने नमः। ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः। ऊँ पशूनां पतये नमः। ऊँ खेचराय नमः। ऊँ खगेशाय नमः। ऊँ घननीलाम्बराय नमः। ऊँ काठिन्यमानसाय नमः। ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः। ऊँ नीलच्छत्राय नमः। ऊँ नित्याय नमः। ऊँ निर्गुणाय नमः। ऊँ गुणात्मने नमः। ऊँ निरामयाय नमः। ऊँ निन्द्याय नमः। ऊँ वन्दनीयाय नमः। ऊँ धीराय नमः। ऊँ दिव्यदेहाय नमः। ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः। ऊँ दैन्यनाशकराय नमः। ऊँ आर्यजनगण्याय नमः। ऊँ क्रूराय नमः। ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः। ऊँ कामक्रोधकराय नमः। ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः। ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः। ऊँ परभीतिहराय नमः। ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः।

।। ॐ Sham Shainischaraya Namah ।।

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on pinterest
Share on reddit
Share on vk
Share on tumblr
Share on mix
Share on pocket
Share on telegram
Share on whatsapp
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *