रहम मांगता हूँ करम मांगता हूँ
कन्हैया मैं तेरी शरण मांगता हूँ
गरीबों का दाता तू दौलत अदा कर
तू बीमार निर्बल को सेहत अता कर
बीमारों की तुझसे मरहम मानता हूँ
कन्हैया मैं तेरी शरण मांगता हूँ
जो बेघर हैं उनको मिले आशियाना
भटके हुओ को तू दे दे ठिकाना
गुज़ारिश है तुझसे अमन मांगता हूँ
कन्हैया मैं तेरी शरण मांगता हूँ
वतन से तू वेह्शी दरिंदे सफा कर
लुटेरे हैं कातिल जो पापी फना कर
जला दे जो वेह्शत अगन मानता हूँ
कन्हैया मैं तेरी शरण मांगता हूँ
तेरी बंदगी में लगाए तू रखना
रेहमत का आँचल बनाये तू रखना
भजन में तुम्हारे मगन मांगता हूँ
कन्हैया मैं तेरी शरण मांगता हूँ
मुझे दुर्गुणों से बचाये तू रखना
चलूँ नेक राहें चलाये तू रखना
ये बस तुझसे चलन मांगता हूँ
कन्हैया मैं तेरी शरण मांगता हूँ
I ask for mercy I ask for mercy
Kanhaiya I seek your refuge
Give wealth to the poor
you give health to the sick and the weak
I consider you the ointment of the sick
Kanhaiya I seek your refuge
Those who are homeless should get shelter
You give a place to the lost
I request you peace
Kanhaiya I seek your refuge
You clean the rogue from the country
Robbers are murderers who commit sinners
Burn what I believe to be a greedy fire
Kanhaiya I seek your refuge
keep you in your captivity
You keep the lap of rehmat
I ask you to rejoice in the hymn
Kanhaiya I seek your refuge
save me from evil
Let’s walk the righteous path, keep you
I just ask you to walk
Kanhaiya I seek your refuge