शरद पूर्णिमा रास
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। मान्यता है कि संपूर्ण वर्ष में केवल
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। मान्यता है कि संपूर्ण वर्ष में केवल
भक्ति, अपने इष्ट के प्रति ऐसा समर्पण भाव है, जो हमारे मन में यह विश्वास जगाता है कि उसकी
नाम में नामी समाया हुआ है। नाम भगवान जितना हृदय में बैठता है नामी हृदय में दस्तक देता है।
“जाही बिधि राखे राम ताही बिधि रहिये” सीताराम सीताराम सीताराम कहिये ।जाही बिधि राखे राम ताही बिधि रहिये ।।