धनतेरस को धन एवम स्वास्थ्य धन्वंतरि पुजा
मुतरेजा जी बड़ा प्रसन्न हैं। आज उन्हें गिन्नी ख़रीदनी है।गिन्नी यानी स्वर्ण मुद्रा। मैने पूछा क्यो ख़रीदेंगे? मुतरेजा मेरे
मुतरेजा जी बड़ा प्रसन्न हैं। आज उन्हें गिन्नी ख़रीदनी है।गिन्नी यानी स्वर्ण मुद्रा। मैने पूछा क्यो ख़रीदेंगे? मुतरेजा मेरे
सनातन हिंदू समाज तथा प्रज्वलित दीपकअग्नि के आविष्कार के पश्चात् संपूर्ण मानव जाति ने अंधकार से प्रकाश तक पहुंचने
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।। अर्थात् उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, तेजस्वी, पापनाशक, परमात्मा
भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है- स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना।