नैया पड़ी मंझधार,
गुरु बिन कैसे लागे पार,
नैया पड़ी मंझधार,गुरु बिन कैसे लागे पार,हरी बिन कैसे लागे पार। नैया पड़ी मंझधार,गुरु बिन कैसे लागे पार,हरी बिन कैसे
नैया पड़ी मंझधार,गुरु बिन कैसे लागे पार,हरी बिन कैसे लागे पार। नैया पड़ी मंझधार,गुरु बिन कैसे लागे पार,हरी बिन कैसे
महंगाई में कैसे काम बने गा लाखो में, सौगात करोडो की देदे मेरे हाथो में, दौर महंगाई का है जोरो
एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले, मैनु पार करन दी आज हामी भर ले, एह गरीब नवाज मेरी बांह फड़ले,
आज सत जुलाई आई आ, आज घर घर वजी वधाई आ, गुरु जी दा जन्मदिन आ गया जय गुरु जी,
गुरु शंकर ये असाम सारा हर दम ऋणी है तुम्हारा, असाम के बोरडुआ में जन्मे सब के बने तुम सहारा,
ले गुरु का नाम ले गुरु का नाम, बंदे यही तो सहारा है, ले गुरु का नाम ले गुरु का
जबसे पिलाई गुरु वर ने कृष्णा के नाम की, आद्दत सी पड़ गई मुझे मस्ती के जाम की, जबसे पिलाई
कई जन्मा तो बाद होया है आज सवेरा जी, मैं तेरा जी गुरु जी मैं तेरा जी, पापा दी है
मेरी मेरी करके बंदेया जनम अनमोल गवा बैठा, अगा तेरे नेड़े आइयाँ मोह जीया विच पा बेठा, एहना सारे जिया
रल मिल सारे सेवा करके मीठी मीठी वाणी पड़ के, मन चरना नाल ला लाइए , मेरे सतगुरु बाबे नानक