परिस्थितियों के सामने झुकना व्यक्तित्व का विकास नहीं
जिस तरह अशुद्ध सोने को भट्ठी में गलाने से उसकी अशुद्धियाँ पिघलकर बाहर निकल जाती हैं और भट्ठी में केवल
जिस तरह अशुद्ध सोने को भट्ठी में गलाने से उसकी अशुद्धियाँ पिघलकर बाहर निकल जाती हैं और भट्ठी में केवल
हमारी जिह्वा में सत्यता हो, चेहरे में प्रसन्नता हो और हृदय में पवित्रता हो तो इससे बढ़कर सुखद जीवन का
जीवन बहुत ही अनिश्चित और अनियंत्रित होता है।जीवन की इस लंबी पारी में न जाने कौन कौन और किस प्रकार
एक वृद्ध व्यक्ति बहुत परेशान था कारण शारीरिक बीमारी से ग्रस्त था। वो बैठा कुछ सोच रहा था तभी बहु
गहरी निद्रा की अवस्था में आप हैं अर्थात आत्मा है लेकिन वहां पर मन नहीं है, इसलिए गहरी निद्रा की
“प्रेम के जन्म का पहला सूत्र है: प्रेम दान है, भिक्षा नहीं। इसलिए जीवन में देने की तरफ दृष्टि जगनी
खड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रही बस !उन्हें कहा गया हर बार,चलो तुम तो लड़के होखड़े हो जाओ. छोटी-छोटी बातों
हम पुरा जीवन किसी न किसी को पकड़ कर रखते और सोचते हैं अमुक सम्बन्ध अमुक रिस्तेदार हमें बहुत सुख
तीन बातें भक्त के जीवन में जरूर होनी चाहिएं , प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा। भक्ति के मार्ग में प्रतीक्षा
इस संसार में कितने से भी कितना बड़ा नुक्सान हो जाएचाहे मकान बिक जाए,हाथ पांव टूट जाए, ज़मीन जायदाद बिक