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भगवान कृष्ण
।। जय भगवान श्रीकृष्ण ।। भगवान श्रीकृष्ण का सभी अवतारों में सर्वोच्च स्थान है। संपूर्ण भारत में उन्हीं के सबसे
।। जय भगवान श्रीकृष्ण ।। भगवान श्रीकृष्ण का सभी अवतारों में सर्वोच्च स्थान है। संपूर्ण भारत में उन्हीं के सबसे
साधकों ! मेरा ये सब लिखने का एक ही उद्देश्य है कि उस दिव्य निकुञ्ज की कुछ झलक आपको मिल
भगवान श्री कृष्ण जी गांधारी से कहते हैं कि माता ! मैं शोक , मोह , पीड़ा सबसे परे हूँ।
हमने उस परमात्मा को नटराज कहा है l एक मूर्तिकार, मूर्ति बनाता है, उसके बाद मूर्ति अलग है और मूर्तिकार
व्रज रज उड़ती देख कर मत कोई करजो ओट, व्रज रज उड़े मस्तक लगे गिरे पाप की पोत। जिन देवताओ
होली खेलन आयो श्याम आज याहि रंग में बोरो री, कोरे-कोरे कलश मँगाओ, रंग केसर को घोरो री, मुख ते
।। श्री कृष्णाय वयं नमः ।। अर्जुन को भगवान श्री हरि कृष्ण अपने विराट विश्वरूप का दर्शन कराते हुए कहते
श्रीकृष्ण शयन-कक्ष में कुछ खोज रहे हैं। बार-बार तकिये को उठाकर देख रहे हैं। नीलाभ वक्ष पर रह-रहकर कौस्तुभमणि झूलने
पहली बधाई हरिदास जी को होवेदूजी बधाई निधिवन राज जी को होवेतीजी बधाई सब सखियन को होवेचौथी बधाई बजे सकल
(मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी) ब्रज में प्रकटे हैं बिहारी, जय बोलो श्री हरिदास की। भक्ति ज्ञान मिले जिनसे, जय बोलो गुरु