
शिव स्तुति पशूनां पतिं पापनाशं परेशं
मङ्गलमयी शिव स्तुति प्रतिदिन सुबह शिवलिंग पर जल, दूध अथवा पंचामृतस्नान के बाद फूल और श्रीफल अर्पित करें, तत्पश्चात शाम
मङ्गलमयी शिव स्तुति प्रतिदिन सुबह शिवलिंग पर जल, दूध अथवा पंचामृतस्नान के बाद फूल और श्रीफल अर्पित करें, तत्पश्चात शाम
श्रीधाम वृन्दावन, यह एक ऐसी पावन भूमि है, जिस भूमि पर आने मात्र से ही सभी पापों का नाश
“जब श्रीकृष्ण ने अपने कान्हा रूप को गोपियों से छुपा लिया और ‘नटवर गोपी’ बन गए अब एक अद्वितीय लीला
।। जय जय शिव- राम ।। भगवान शिव दिन-रात भगवान राम के पावन नाम का स्मरण करते रहते हैं और
पुराने समय की बात है एक आश्रम में बहुत से शिष्य रहते थे और वह सब आपस में बातें किया
नामदेव उन्हें ढूंढते हुए शिव मंदिर में पहुँचे।वहाँ देखा तो विसोबा खेचर शिवलिंग पर पाँव पसार कर सोए हुए थे।नामदेव
जब राम ने अपने गुरु से पूछा — ‘प्रभु, आपके गुरु कौन हैं? अयोध्या का राजमहल- गुरु वशिष्ठ राम को
। शिव ताण्डव स्तोत्र (शिवताण्डवस्तोत्रम्) परम शिवभक्त लंकापति रावण द्वारा गाया भगवान शिव का स्तोत्र है, मान्यता है कि एक
सनातन गोस्वामी का नियम था गिरि गोवर्द्धन की नित्य परिक्रमा करना.. अब उनकी अवस्था 90 वर्ष की हो गयी थी,
एक राजा के मन में यह काल्पनिक भय बैठ गया कि शत्रु उसके महल पर आक्रमण कर उसकी हत्या कर