राम भजन (Ram Bhajan)

विजय रथ यही हमारा है!

जय जय सियाराम जी आरूढ़ दिव्य रथ पर रावण,नंगे पद प्रभुवर धरती पर!तन वसनहीन शिर त्राणहीन,यह युद्ध अनोखा जगती पर!!उस

Read More...

सोइ सर्बगय गुनी सोइ ग्याता।

।। श्रीरामचरितमानस- उत्तरकाण्ड ।। चौपाई-सोइ सर्बगय गुनी सोइ ग्याता।सोइ महि मंडित पंडित दाता।। धर्म परायन सोइ कुल त्राता।राम चरन जा

Read More...

प्रभु दयासिंधु करुणानिधान।

प्रभु दयासिंधु करुणानिधान।रघुनायक जग के बन्धु मित्र धृतशायक शर कलिमल निदान।।प्रभु पद प्रणीत ब्रह्माण्ड सृष्टि एकल प्रचेत वेदांग ज्ञान।तारक नक्षत्र

Read More...

हृदय कंज मकरंद मधुप हरि॥

मामवलोकय पंकज लोचन।कृपा बलिोकनि सोच बिमोचन॥ नील तामरस स्याम काम अरि।हृदय कंज मकरंद मधुप हरि॥ कृपापूर्वक देख लेने मात्र से

Read More...

तात राम नहिं नर भूपाला।

।। परात्पर ब्रह्म श्री राम ।। तात राम नहिं नर भूपाला।भुवनेस्वर कालहु कर काला।। ब्रह्म अनामय अज भगवंता।ब्यापक अजित अनादि

Read More...

जब ते राम प्रताप खगेसा।

।। श्रीरामचरितमानस- उत्तरकाण्ड चौपाई-जब ते राम प्रताप खगेसा।उदित भयउ अति प्रबल दिनेसा।। पूरि प्रकास रहेउ तिहुँ लोका।बहुतेन्ह सुख बहुतन मन

Read More...

इहाँ भानुकुल कमल दिवाकर।श्रीरामचरितमानस- उत्तरकाण्ड ।।

।। श्रीरामचरितमानस- उत्तरकाण्ड ।। चौपाई-इहाँ भानुकुल कमल दिवाकर।कपिन्ह देखावत नगर मनोहर।। सुनु कपीस अंगद लंकेसा।पावन पुरी रुचिर यह देसा।। जद्यपि

Read More...