मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार।
मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार। हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ, मेरी नईया, पार लगा जाओ मेरी
मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार। हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ, मेरी नईया, पार लगा जाओ मेरी
तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्यातारक में छवि, प्राणों में स्मृति,पलकों में नीरव पद की गति,लघु उर में पुलकों की
हमें कुछ दो न दो भगवन ! कृपा की डोर दे देनातुम्हारी हो जिधर चर्चा , हृदय उस ओर दे
मस्तक ऊँचा हुआ मही का,धन्य हिमालय का उत्कर्ष।हरि का क्रीड़ा-क्षेत्र हमारा,भूमि-भाग्य-सा भारतवर्ष॥ हरा-भरा यह देश बना करविधि ने रवि का
तेरी अंखिया हैं जादू भरी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ।सुनलो मेरे श्याम सलोना, तुमने ही मुझ पर कर
प्राणों के आने से पहले, प्राणों को बुलवाता है,प्राणी को कर चैतन्य वही , चैतन्य स्वयं कहलाता है|परिधि में जो
॥ दोहा ॥बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम,राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥कीरति गाथा जो पढ़ें
ब्रह्मा विष्णु करें आरती, शंकर गाएं गाथासुर रक्षिणी असुर भक्षणी,जय हो सीता माता आदि अनादि जगदंबा तुम, अखिल विश्व की
साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप । जांके हिरदे सांच है, ताके हिरदे आप ॥ सरस्वती के भंडार की,
नित्त ध्यान धरूं चित्त से हित से,उर गोविन्द के गुण गाया करूँ।वृंदावन धाम में श्याम सखा,मन ही मन में हरषाया