आत्मानुभूति पर प्रकाश
आपके कृपा प्रसाद से जब आत्मानुभूति का सुन्दर प्रकाश फेलता है तो संसार के भेद रुप मोह का नाश
आपके कृपा प्रसाद से जब आत्मानुभूति का सुन्दर प्रकाश फेलता है तो संसार के भेद रुप मोह का नाश
हमारा जीवन दूसरों से ज्यादा स्वयं की दृष्टि में श्रेष्ठ एवं पवित्र होना चाहिए। केवल किसी के बुरे कहने
भरत जी जब भरद्वाज मुनि के आश्रम में पधारे तो मुनि जी ने भरत जी और उनके समाज के
1 सर्वज्ञ -ईश्वर में शुद्ध सतोगुण पाया जाता है इसलिए ईश्वर सर्वज्ञ है और जीव अल्पज्ञ है , जितना