
कर्म ज्योत जलाओ
मनुष्य शरीर कर्म करने के लिए बना है। कर्म की हम कितनी बाते करे कर्म को शुद्ध रूप से
मनुष्य शरीर कर्म करने के लिए बना है। कर्म की हम कितनी बाते करे कर्म को शुद्ध रूप से
बांके बिहारी मुझको देना सहाराकही छूट जाये ना दामन तुम्हारातेरे सिवा दिल में समाये न कोईलगन का ये दीपक
। शिव ताण्डव स्तोत्र (शिवताण्डवस्तोत्रम्) परम शिवभक्त लंकापति रावण द्वारा गाया भगवान शिव का स्तोत्र है, मान्यता है कि
सनातन गोस्वामी का नियम था गिरि गोवर्द्धन की नित्य परिक्रमा करना.. अब उनकी अवस्था 90 वर्ष की हो गयी