
थारी सोनी सूरत दिल का चैन चुरावे से
मैं जब भी थारे आया, जो माँगा था वो पाया, अब मने समज ये आया झूठी है मोह और माया,
मैं जब भी थारे आया, जो माँगा था वो पाया, अब मने समज ये आया झूठी है मोह और माया,
मेरे श्याम घणी साँवरिया, मेरे खाटू के सांवरियां, कीर्तन में धूम मचा जइयो मेरे खाटू के सांवरिया, मेरे श्याम धनि
आज तेरे भक्तो पे दया सरकार हो जाये, लगा दे मोरछड़ी का झाड़ा बेडा पार हो जाये, आज तेरे भक्तो
याहा विराजे शीश का दानी मेरा बाबा श्याम, दीवाने मुझे ले चल खाटू धाम, तन मन धन सब इनके अर्पण,
साच साच कह दे बाबा कौन लागू मैं तेरी तू मेरो कौन लागे, तू मेरो कौन लागे… गिर जाऊ पकड़
श्याम धनि तेरो नाम बड़ा प्यारा है, हारे का तू सहारा है दीं दुखी का तू प्यारा है, श्याम धनि
ओ खाटू वाले बाबा मुझे तेरा आसरा है, तुझबीण बता सांवरियां मेरा कौन सहारा है, जगरंग मंच है ये किरदार
लाखों के भाग जगे मेरे बाबा के इशारे से, खाली ना गया कोई मेरे श्याम के द्वारे से, तेहरीर ये
भक्तों ने मिलकर उत्सव मनाया है, बस कमी आप की श्याम आ जाइये, लटके फूलो की लढ़ियाँ दरबार में, महके
आओ मेरे श्याम प्यारे तेरे दर हम पुकारे, तेरे घर आने से काम शुभ हो हमारे, तुमने मेरा मीरा को