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मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे
श्री गोपांगनाओं का आज का उल्लास जय जय श्री राधेमेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे, मेरे क्षमा करो अपराध
श्री गोपांगनाओं का आज का उल्लास जय जय श्री राधेमेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे, मेरे क्षमा करो अपराध
🌹🌼 प्रेम में डूबा हुआ हृदय उतना ही पवित्र है जितना की गंगाजल में डूबा हुआ कलश 🌹🌼🌹 एक बांसुरी
हर जन से उसका नाता हैकोई पिता,पुत्र कोई पति बुलाता हैसुन सखी तू तर्क ना कर उसे भी तो रोना
ऐसा बरसे रंग यंहा पर, जन्म जन्म तक मन भीगेफागुन बिना चुनरिंया भीगे, सावन बीना बदन भीगेऐसा बरसे रंग यंहा
।। कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।। भगवान श्री कृष्ण की दिव्य रास लीला में प्रत्येक गोपी यही सोच रही थी
🌹देखे जब मन-मोहन मोहन प्रेमानन्द-सुधा-सागर।नित-नवरूप-महोदधि, गुण-निधि सकल कलामय, नट-नागर॥ शब्द एक निकला नहिं मुखसे, नेत्र एकटक रहे निहार।बिगलित हुआ हृदय
हमने उस परमात्मा को नटराज कहा है l एक मूर्तिकार, मूर्ति बनाता है, उसके बाद मूर्ति अलग है और मूर्तिकार
प्रभु के नाम महिमा की कथा को अवश्य पढे… एक बार वृन्दावन के मंदिर में एक संत अक्षय तृतीया के
तुम झोली भर लो भक्तों…रंग और गुलाल सेहोली खेलेंगे अपनेगिरधर गोपाल से कोरा-कोरा कलश मंगाकर…उसमें रंग घुलवाया,लाल गुलाबी नीला पिला…केशर
रंग डार गयो री मोपे सांवरा, मर गयी लाजन हे री मेरी बीर, मैं का करूँ सजनी होरी में, रंग