हरे कृष्ण प्रभु हरे राम का,
किरतन जब हम गाते हैं।
*हरे कृष्ण प्रभु हरे राम का,**किरतन जब हम गाते हैं।* *वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,**हरि दर्शन हम पाते हैं।।* *श्री
*हरे कृष्ण प्रभु हरे राम का,**किरतन जब हम गाते हैं।* *वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,**हरि दर्शन हम पाते हैं।।* *श्री
तो संसार सागर से तरते रहोगे ॥कृपानाथ बेशक मिलेंगे किसी दिन ।तो सत्संग पथ से गुजरते रहोगे ॥चढोगे हृदय पर
हे श्री कृष्ण…. धन्यवाद प्रभु तुमने हमको,अपना ये अंश स्वीकार किया।आकार दिया, प्रकार दियामन, वाणी और विचार दिया,अपनी इस पावन
हे हरि अब न मोहि बिसारो..जन्म जन्म भटकत मोहि बीते…अब तो मोहि आन उबारो…हे हरि अब न मोहि बिसारो.. गिरिधर
नाम दिल से ना भूलो कृष्ण काये भुलाने के काबिल नहींबडी मुश्किल से नर तन मिला हैंयह गवाने के काबिल
जै-जै-जै-जै कुँवरि किशोरी, श्रीराधा महारानी ।सुनिये विनय रावरी श्यामा, महाकृपा की खानी ॥यदपि मैं यहि लायक नहिं तुम, सब लायक
तेरे पावन अहसासों सेपुलकित जीवन सारासांसारिक प्रेम परेपावन प्रीत हमारासमर्पित तूझ पर हीअब जीवन साराअंजुरी में लिये पुष्प प्रेमका खड़ी
*साज तुम्हीं, शृंगार तुम्हीं, तुम जीवन का आधार हो…* *हृदय तुम्हीं, धड़कन तुम्हीं, तुम ही मेरा प्यार हो…* *आदि तुम्हीं,
हे रसना तू हरि हरि बोल।सब रस नीरस राम नाम एक अनमोलहे रसना तू हरि हरि बोल।एक ये ही सार
श्री कृष्णःशरणं मम‼जय श्रीकृष्ण ‼श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!! काजल भगवत प्रेम का,नयनो मे लूं डार कंठ