
भक्त और भगवान का अनुपम चित्रण
माँगी नाव ना केवट आना।कहइ तुम्हार मरम मैं जाना।। चरन-कमल रज कहुँ सबु कहई।मानुष करनि मुरि कछु अहई।। इस चौपाई
माँगी नाव ना केवट आना।कहइ तुम्हार मरम मैं जाना।। चरन-कमल रज कहुँ सबु कहई।मानुष करनि मुरि कछु अहई।। इस चौपाई
नाम मेरी राधा रानी का जिस जिस ने गाया है,बांके बिहारी ने उसे अपना बनाया है,जय राधे, जय राधे, जय
आज अयोध्या वासी आए शबरी तेरी कुटिया में। तीन लोक के स्वामी आए शबरी तेरी कुटिया में।शबरी तेरी कुटिया में,
हरिनाम जपो हरिनाम जपो । हरिनाम जपो हरिनाम जपो ।। अति पावन सुन्दर नाम जपो । हरिनाम जपो हरिनाम
ॐ गुंज गुंजे अनंत ब्रह्मांडमें,हर मंत्र ॐ की गुंज है,हर मंत्रमें आवाज है ॐ की,यह ॐ ही शक्ति पुंज है।
ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंगं निर्मलभासितशोभित लिंगम् ।जन्मजदुःखविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिंगं कामदहं करुणाकरलिंगम् ।रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ॥२॥ सर्वसुगंधिसुलेपितलिंगं बुद्धिविवर्धनकारणलिंगम् ।सिद्धसुरासुरवंदितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम्
कब तक गीत सुनाऊं राधा कब तक गीत सुनाऊं कब तक गीत सुनाऊं राधा कब तक गीत सुनाऊं मथुरा छूटी,
नागेन्द्रहाराय ,त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,तस्मै
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजोमथुरा में जाको जनम लियो
बैकुंठ से सज कर आया रे लाला का पलना. ….ब्रह्मा जी ने गढ़ाया ब्रह्माणी ने सजाया,गोकुल में आए झुलामे री