तर्ज- स्वर्ग से सुन्दर सपनों से प्यारा
चाहे लाख करो तुम पूजा चाहे तीरथ करो हजार,
मात -पिता को ठुकराया है जीवन है बेकार,
श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है
तीन लोक की देवी होती है माता प्यारी
अपने लला के दुख़ को सह सकती है महतारी
लालन पालन करती दुखिया सहती कष्ट अपार
श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है
नौ माह गर्भ में पाला सुख से न समय बिताया
सोकर स्वयं गीले में सूखे में तुम्हें सुलाया
ऐसी मां के चरणों को मैं पूजूं बारम्बार
श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है
जब थी बाल अवस्था मां की गोदी में खेले
खुशियों की तुम्हारी खातिर मां ने कितने दुःख झेले
नेम चंद प्रजापति कहत सभी से मां की महिमा अपार
श्रेष्ठतम देव यही है पूज्यनीय मात यही है
लेखक एवम् निर्माता नेम चंद प्रजापति जी
दिवना वाले
दोस्तो एक बार अवश्य पढ़ें
Patterns – Loved by beautiful dreams from heaven
Whether you do lakhs, whether you worship or perform pilgrimage, thousand,
Rejected mother and father, life is useless,
This is the supreme god, this is the worshipable mother.
The ‘Goddess’ of the three worlds is the mother’s beloved
Mahtari can bear the sorrow of her son-in-law
Upbringing, the sadhu suffers immense suffering
This is the supreme god, this is the worshipable mother.
Nine months in the womb did not spend time with pleasure
Sleeping himself made you sleep in the wet in the dry
I worship such a mother’s feet again and again
This is the supreme god, this is the worshipable mother.
When the child played in the mother’s lap
How many sorrows did your mother suffer for your happiness?
Nem Chand Prajapati says that the glory of mother is immense from all
This is the supreme god, this is the worshipable mother.
Diwana Wale
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