इतना सजो न मेरे सेठ सँवारे कही नजर न कोई लग जाए,
इस लिए जयदा देर रुकता नहीं कही नजर न मेरी लग जाए
सांवला सा चेहरा तिलक पीला पीला है माथे पे मुकट बाबा श्याम के रंगीला है,
इतर की खुसबू से मन खिलता जब दर्शन कोई पाए जाए ,
इतना सजो न मेरे सेठ सँवारे कही नजर न कोई लग जाए,
दो दो बार ठाठ से से भोग लगाता है,
पांच पांच बार बाबा आरती कराता है,
आठ आठ घंटे भगत खडे बस इक झलक मिल जाए,
इतना सजो न मेरे सेठ सँवारे कही नजर न कोई लग जाए,
भजनो का रसिया है भजन सुनाये जा भजनो के जरिये तू अर्जी लगाए या ,
कर ले भजन दिल खोल वनवारे कही वक़्त निकल न जाए,
इतना सजो न मेरे सेठ सँवारे कही नजर न कोई लग जाए,
Don’t dress so much that no one can see me anywhere,
That’s why it doesn’t stay for long
The dark face Tilak is pale yellow, the forehead on the forehead is colored by Baba Shyam’s,
The mind blossoms with the fragrance of another, when the vision is found,
Don’t dress so much that no one can see me anywhere,
Twice enjoys lavishly,
Baba does the aarti five five times,
Bhagat stood for eight hours just to get a glimpse,
Don’t dress so much that no one can see me anywhere,
Bhajans are like bhajans, hymns should be recited or you apply through hymns.
Do bhajan, open your heart and don’t leave your time somewhere,
Don’t dress so much that no one can see me anywhere,