आया जो भी कोई फर्यादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
साईं मैं तेरी अर्जी लगा दी,
साईं जब से लगन तेरी लगाई है,
अजब सकूं है अजब सी मस्ती छाई है,
ये इश्क तेरा ऐसा ही करिश्माई है,
रहमते तूने अपनी सब पे लुटाई है,
आया जो भी कोई फर्यादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
तेरी भोली सी सूरत दिल में यु समाई है,
फिर कोई मूरत इस दिल को नही भाई
जिधर भी देखू उधर तेरी परछाई है,
तेरे वजूद से इस जग में खुदाई है,
आया जो भी कोई फर्यादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
तुझसे मिलने से पहले कितना मैं बेहाल हुआ,
जब से थामा है तेरा हाथ मैं निहाल हुआ,
अब कभी छोड़ना न हाथ मेरे बाब तुम,
दया कर दुभे भवन में फिर न पार हुआ,
आया जो भी कोई फर्यादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
Whoever came, you have made him spoiled,
Sai I have applied for you,
Sai, ever since my passion has been yours,
Ajab I can have a strange fun,
Your love is such a charismatic one,
You have spent all your money,
Whoever came, you have made him spoiled,
Your innocent face has engulfed you in the heart,
Then there is no idol in this heart, brother
Wherever I look, there is your shadow,
Due to your existence, there is an excavation in this world,
Whoever came, you have made him spoiled,
How sad I was before I met you,
I have been happy ever since I held your hand,
Now don’t ever leave your hands, my father
Don’t cross again in the dubhe building with mercy,
Whoever came, you have made him spoiled,