मधुर भजा के मोहन तू मुरलिया राधा का मन मोह लेयो रे
तेरे पीछे मीरा भी हु वन्वारियां
राधा का मन मोह लियो रे
यमुना के तट पे करे छेड़ खानी
करता है क्यों कान्हा तू मन मानी
सारे गोपियों का है तू ही सांवरियां
राधा का मन मोह लियो रे
बैठे कदम पे टली लचकाए
बन के ग्वाला तू गैयाँ चराए
मार के कंकर से फोड़ी तू गगरियाँ
राधा का मन मोह लियो रे
चोरी सी माखन तू चुरा के खाए
चन्दन बिलर कृष्ण गुण तेरे गाये
घर जायेगी मैया सो खबरियां
राधा का मन मोह लियो रे
Madhur Bhaja Ke Mohan Tu Muraliya Radha Ka Man Moh Leyo Re
Meera is behind you too.
Radha’s Man Moh Leo Re
trespassing on the banks of yamuna
Why Kanha did you agree?
You belong to all the gopis
Radha’s Man Moh Leo Re
stoop on the steps of sitting
Be the cowherd you feed the cows
You broke the pebbles
Radha’s Man Moh Leo Re
You steal butter and eat it
sandalwood biller krishna guna tere gaye
Maya will go home so news
Radha’s Man Moh Leo Re