राम मैं तो जब से शरण तेरी आया
आनंद आनंद मैंने पाया
मेरे राम मेरे राम सांचा है तेरा नाम
अंधकार में भटक रहा था,
सूजे न कोई किनारा
तूने मन में ज्योत जला कर दूर किया अंधियारा
तू ही है इक सहारा जीवन का सच पाया,
राम मैं तो जब से शरण तेरी आया
हर पल मेरे पास रहा तू फिर भी देख न पाया
जग बंधन में कैसा उल्जा पास न तेरे आया,
भटके हुए राही को राह पे तूने लगाया
राम मैं तो जब से शरण तेरी आया
Ram, ever since your refuge came
Anand Anand I found
my ram my ram sancha hai tera name
wandering in the dark,
swollen no edge
You removed the darkness by lighting a candle in your mind
You are the only one who found the truth of life,
Ram, ever since your refuge came
You stayed with me every moment, still you could not see
What kind of light did not come near you in the bondage of the world,
You put the lost road on the way
Ram, ever since your refuge came