बड़ा अद्भुत नजारा है
दरबार में सतगुरु के
बड़ा अद्भुत नजारा है
हे किरपा सिन्धू हे करुना कर दुखियो के दुःख मिटाते थे
जिनको कोई राह नही मिलती भगतो को राह दिखाते थे,
डूबतो का किनारा है,
बड़ा अद्भुत नजारा है
दरबार मेरे सद्गूरू जी का इक ख़ास एहमियत रखता है,
जो शीश जुकाते सतगुरु को खुशियों से दामन भरता है,
गिरतो का सहारा है बड़ा अद्भुत नजारा है
आये अव तो शरण में किरपा कीजिये
हम को चरणों में गूरवर जगह दीजिये
सारी दुनिया से न्यारा है,
बड़ा अद्भुत नजारा है
it’s a wonderful sight
Satguru in the court
it’s a wonderful sight
O Kirpa Sindhu, he used to remove the sorrows of the afflicted with compassion.
Those who do not find any way, used to show the path to the devotees,
is the edge of drowning,
it’s a wonderful sight
The court has a special importance for my Sadguru ji.
The one who bows his head to the Satguru with happiness,
Girto’s support is a wonderful sight
Come and take refuge in me
Give us a proud place at your feet
different from the whole world,
it’s a wonderful sight