अब छोड़ के आजा माँ त्रिकुट पहाड़ो को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,
अब छोड़ के आजा माँ त्रिकुट पहाड़ो को
उदास है सुबह तुम बिन शामे रोती है
दरवाजे पे मेरी निगाहें होती है
मेरी नाव भवर में अटकी तरसे किनारों को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,
कितनी अरदासे डाल डाल मैं हारा हु
तू दाती मैया मैं मंगता वेचारा हु
मैं कैसे भूलू माँ तेरी किरपा उपकारों को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,
औकात से ज्यादा देती हो हम सुनते है
हम जगते हुए भी ख्वाब तुम्हारे बुनते है,
सिर माथे संजीव रखे तेरे सत्कारो को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,
Now leave mother Trikuta hills
Mother has come to help the helpless,
Now leave mother Trikuta hills
sad morning you cry without evening
my eyes are on the door
My boat stuck in the sky
Mother has come to help the helpless,
How many ardas have I put in and I have lost?
I am asking for you
How do I forget Mother Teri Kirpa’s favors
Mother has come to help the helpless,
We give more than our due, we listen
Even while we are awake, we weave dreams for you,
Keep your head and forehead alive to your hospitality
Mother has come to help the helpless,