जो विधि कर्म में लिखे विधाता, मिटाने वाला कोई नहीं,
“वक्त पड़े पर गज़ भर कपड़ा, देने वाला कोई नहीं” ll
वक्त पड़ा राजा हरीशचंद्र पे, काशी जो बिके भाई*,
रोहित दास को डसियो सर्प ने, रोती थी उसकी माई ll
उसी समय रोहित को देखो ll, बचाने वाला कोई नहीं,
वक्त पड़े पर गज़ भर कपड़ा, “देने वाला कोई नहीं” l
जो विधि कर्म लिखे विधाता,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वक्त पड़ा देखो रामचंद्र पे, वन को गए दोनों भाई*,
राम गए और लखन गए थे, साथ गई सीता माई ll
वन में हरण हुआ सीता का ll, बचाने वाला कोई नहीं,
वक्त पड़े पर गज़ भर कपड़ा, “देने वाला कोई नहीं” l
जो विधि कर्म में लिखे विधाता,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वक्त पड़ा अंधी अंधों पे, वन में सरवण मरन हुआ*,
सुन करके सुत का मरना फिर, उन दोनों का मरन हुआ ll
उसी श्राप से दशरथ मर गए ll, जलाने वाला कोई नहीं,
वक्त पड़े पर गज़ भर कपड़ा, ”देने वाला कोई नहीं” l
जो विधि कर्म में लिखे विधाता,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Whoever is the creator of the law, there is no one to destroy it,
“Time is up but a yard of cloth, no one to give” ll
Time fell on King Harishchandra, brother who sold Kashi,
Dasio snake to Rohit Das, his mother used to cry
At the same time look at Rohit, there is no one to save,
Time comes but a lot of cloth, “no one to give”
The creator who writes the law deeds,,,,,,,,,
Time is over, look at Ramchandra, both brothers went to the forest,
Ram went and went to Lakhan, Sita went with me
Sita was lost in the forest, there is no one to save her,
Time comes but a lot of cloth, “no one to give”
Who is the creator of law, written in action,,,,,,,,
Time fell on the blind, Saravana died in the forest.
After hearing Sut die again, both of them died.
Dasaratha will die by the same curse, there is no one to burn,
Time comes but a lot of cloth, “no one to give”.
Who is the creator of law, written in action,,,,,,,,