तुझे कैसे सजाऊँ प्रभु तूने दुनिया सजाई है
तेरी रचना क्या मैं लिखूं तूने सृष्टि रचाई है
सेवक मैं तुम्हारा हूँ स्वामी तू मेरा है
चलती हुई साँसों पे अधिकार भी तेरा है
तुमने तो सदा मुझ पर खुशियां बरसाई हैं
तेरी रचना क्या मैं लिखूं तूने सृष्टि रचाई है
तुझे कैसे सजाऊँ प्रभु………………..।
तुम ही तो कर्ता हो जग पालनहारी हो
श्याम कृपा उसे मिलती जो शरण तुम्हारी हो
जो तेरा बन जाए यही सच्ची कमाई है
तेरी रचना क्या मैं लिखूं तूने सृष्टि रचाई है
तुझे कैसे सजाऊँ प्रभु………………..।
तेरी महिमा को कोई जग में नहीं जान सका
सब वेद पुराण थके ज्ञानी का ज्ञान थका
लीला गोपाल तेरी मेरे समझ ना आई है
तेरी रचना क्या मैं लिखूं तूने सृष्टि रचाई है
तुझे कैसे सजाऊँ प्रभु…..
how to decorate you lord you have decorated the world
Shall I write your creation, you have created the world
Servant I’m Yours Master You’re Mine
Your right on the moving breath is also yours
you have always showered happiness on me
Shall I write your creation, you have created the world
How can I decorate you Lord………….
you are the doer of the world
Shyam Kripa would get the refuge that is yours
That which becomes yours is the real earning
Shall I write your creation, you have created the world
How can I decorate you Lord………….
No one in the world could know your glory
The knowledge of all the Vedas and Puranas is tired.
Leela Gopal, you have not understood me
Shall I write your creation, you have created the world
How can I decorate you Lord…..