यशोदा मैया तेरा कन्हैया जरा भी बाज ना आए
इसे क्या हो गया है
किसी का माखन किसी की निंदिया किसी का चैन चुराए
इसे क्या हो गया है
माखन नहीं क्या इसके
काहे सखा संग घर-घर डोलता
छींके पे टंगी है मटकी फिर भी निगोड़ा नहीं छोड़ता
आप खाए और सब को खिलाएं
ऐसे हमें सताए इसे क्या हो गया है
बीच बजरिया मेरी पकड़े कलाई बड़ी जोर से
संग की सहेली मेरी मुड़ मुड़ के देखे मुझे गौर से
उठाके घूंघट निहारे नटखट नैन से नैन मिलाए
इसे क्या हो गया है।
कैसे कहूं री तोसों लाज लगत है मेरी जात को
रोकूं तो कैसे रोकूं माने ना मेरी एक बात को
चीर चुराए छिप छिप जाए कैसे लाज बचाएं
इसे क्या हो गया है
यशोदा मैया तेरा कन्हैया,,,,,,
Yashoda maiya tera kanhaiya don’t stop at all
what has happened to it
steal someone’s butter
what has happened to it
Is it not butter?
Why did you shake from house to house with your friend?
The pot is hanging on the sneeze, yet it does not leave the nigoda
you eat and feed everyone
What has happened to this torment us like this
the middle of the barge holding my wrist very loudly
Sang’s friend look at me carefully
Lifting the veil and looking at the naughty nain mix the nain
What has happened to it.
How can I say that I am ashamed of my caste?
If I stop, how can I stop it, don’t believe my one thing
How to hide and hide by stealing rags
what has happened to it
Yashoda Maiya Tera Kanhaiya,,,
Bhajan Shri Vinod Agarwal Ji
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