गुरुदेव की करू आरती , मन मं ध्यान लगाय क
गुरुदेव का दर्शन सु यो जनम सफल हो जाय हैं।
गुरुदेव की महिमा प्यारी, जग म बरणी जाय है ।
गुरुदेव की चरण धूलि पर , जग न्यौछावर जाय है।।
गुरुदेव का दर्शन खातिर, नैनन जल भर आय है
गुरुदेव का दर्शन सु यो……
प्रातः उठाऊ गुरुदेव न , स्नान कराऊ गुरुदेव न ।
केसर कपूर को चन्दन लगाऊँ , इत्र लगाऊ गुरुदेव न।।
तुलसी मोगरा को पहनाऊँ गजरो, कलकत्ता सु मंगाय क
गुरुदेव का दर्शन सु यो……
थारी सेवा खातिर स्वामीजी , घर बार सब छोड़ दिया।
गुरु शिष्य का रिश्ता खातिर सब सु रिश्ता तोड़ दिया।।
न कोई रिश्ता न कोई नाता , सब मोह माया जाल है
गुरुदेव का दर्शन सु यो…..
गुरु शिष्य का रिश्ता न यो, जग बलिहारी देव है।
ठाकुर भी कुछ करण सु पेल्या, गुरु की आज्ञा लेव है।।
गुरुदेव की वाणी खातिर, यो मनड़ो ललचाय है
गुरुदेव का दर्शन सु यो……
गुरुदेव की करू आरती , मन मं ध्यान लगाय क
गुरुदेव का दर्शन सु यो जनम सफल हो जाय हैं।
Do Aarti of Gurudev, meditate in the mind
Gurudev’s darshan becomes successful su yo janam.
The glory of Gurudev is dear, is to be burnt in the world.
At the feet of Gurudev, the world is sacrificed.
For the sake of Gurudev’s darshan, Nainan has come full of water.
Gurudev’s Darshan Su Yo……
Do not pick up Gurudev in the morning, do not take bath, Gurudev.
Apply sandalwood to saffron camphor, apply perfume, Gurudev no.
Wearing Tulsi Mogra in Gajro, Calcutta Su Mangalay
Gurudev’s Darshan Su Yo……
Swamiji, for the sake of Thari service, left everything at home.
For the sake of guru-disciple relationship broke all good relations.
Neither any relation nor any relation, all attachment is a trap of illusion.
Gurudev’s Darshan Su Yo…..
The relationship of Guru-disciple is not yo, Jag is Balihari Dev.
Thakur is also some karan su pelya, take the orders of the guru.
For Gurudev’s voice, yo mando is tempted
Gurudev’s Darshan Su Yo……
Do Aarti of Gurudev, meditate in the mind
Gurudev’s darshan becomes successful su yo janam.