उधो क्या बताये तुमे इस दिल की बीमारी का
गये छोड़ तडपते हमे क्या बिगाड़ा बिहारी का
उधो क्या बताये तुमे इस दिल की बीमारी का
ढूंढे ब्रिज गलियां में बन के मैं वावरियां
बस इक झलक चाहू ना सताओ तुम सांवरियां
बहे नैनं से जो क्या करे जल धारी का
गये छोड़ तडपते हमे क्या बिगाड़ा बिहारी का
रात सपने में आ मोहन झूठा दे दिलासा गये,
राह तकते मोहन तुम दे कर के झांसा गए,
बेहाल हुई गम में हल दे सिरहारी का
उधो क्या बताये तुमे इस दिल की बीमारी का
कौन नगरी में जा के बसे जो बुल गए हम को
बाबा किस में मिला के पिए ओ बिहारी तेरे गम को
अब सबर का बाँध टुटा इस राधा विचारी का
उधो क्या बताये तुमे इस दिल की बीमारी का
What should you tell me about this heart disease?
What did we do to Bihari when we left?
What should you tell me about this heart disease?
Find bridges in the streets by becoming main wawaris
Just want a glimpse
What to do with the water flowing?
What did we do to Bihari when we left?
In the night dreams, Mohan was given false comfort,
Mohan, you were deceived by giving him the way,
Sirhari’s solution should be given in the troubled sorrow
What should you tell me about this heart disease?
Who settled in the city who called us
Baba Kis Mein Mila Ke Peye O Bihari Tere Gham Ko
Now the dam of patience is broken of this Radha Vichari
What should you tell me about this heart disease?