गुरु भजन बिना मिले शांति नही
जब तक दया दृष्टि नही होती
उनकी कृपा दृष्टि नही होती
जब तक होता ज्ञान नही
तब तक मिटती भ्रान्ती नही
गुरु भजन बिना……….
कई जन्मों से भटके है
इस मोह में फँस के अटके है
जो सबसे ज्यादा अपने है
ये नजर उन्हें पहचानती नही
गुरु भजन बिना………..
गुरुदेव हमे न तड़पाओ
बुलवाओ हमे या खुद आओ
दर्शन को तरसती ये आँखें
तुम्हे देखे बिना अब मानती नही
गुरु भजन बिना……….
जो सब घट के वासी है
अजर अमर अविनाशी है
व्यर्थ है जीवन उनके बिना
रहे शरण बिना कोई क्रांती नही
गुरु भजन बिना……….
There is no peace without Guru Bhajan
as long as there is no mercy
they have no mercy
until there is knowledge
Till then the misconception will not disappear
Guru Bhajan without……….
strayed from many births
Stuck in this infatuation
who is the most
This sight does not recognize them
Guru Bhajan without………..
Gurudev don’t torment us
call us or come yourself
These eyes yearning for philosophy
I can’t believe without seeing you
Guru Bhajan without……….
the one who dwells in everything
Ajar immortal is indestructible
life is meaningless without them
There is no revolution without shelter
Guru Bhajan without……….