वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम
देवकी परमानन्दम कृष्ण वन्दे जगतगुरु
छैल जो छबीला , सब रंग में रंगीला
बड़ा चित का अडिला , सब देव तोसे न्यारा है
माला गल सोहे , नाक मोती से तू जोहे
कान कुंडल मन मोहे , लाल मुकुट सिर धारा है
दुष्ट जन मारे , सब संतजन तारे
ताज चित में हमारे , सुख प्रीति करने वारा है
नंद जू का प्यारा , जिस कंस को पछारा
वो ही वृन्दावन वारा , कृष्ण साहिब हमारा है
ना कही हमने श्याम सा देखा
जो भी देखा वो बेवफा देखा
ना कही हमने श्याम सा देखा………..
ध्यान में योगियों के आता नही,
संग भक्तो के नाचता देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कही हमने श्याम सा देखा………..
किस तरह द्रोपदी नग्न होती,
श्याम साड़ी में था छुपा देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा,
ना कही हमने श्याम सा देखा,
युद्ध में अर्जुन की जीत हो जाये,
उसका रथ आप हाँकता देखा,
जो भी देखा वो बेवफा देखा
ना कही हमने श्याम सा देखा,
Vasudev Sutam Devam Kansa Chanur Mardanam
Devaki Parmanandam Krishna Vande Jagatguru
The shell which is bright, colored in all colors
Big chit’s obedience, all gods are different
The garland melts, you love with the nose pearl
The ear coil is charming, the red crown is the head stream
Kill the wicked, all the saints are stars
In our crown chit, there is a person to love happiness
Nand Ju’s beloved, the one whom Kansa beat
That Vrindavan Vara, Krishna Sahib is ours
Nowhere did we see shyam
Whoever saw him saw the unfaithful
Nowhere did we see Shyam like………..
Yogis do not come in meditation,
Saw the dancing of the devotees together,
Whoever saw him saw the unfaithful,
Nowhere did we see shyam………..
How Draupadi was naked
Shyam was seen hiding in a sari,
Whoever saw him saw the unfaithful,
Nowhere did we see shyam,
May Arjuna win in the war,
You saw his chariot driving,
Whoever saw him saw the unfaithful
Nowhere did we see shyam,