(तर्ज-मेरे सामने वाली खिड़की..)
हर रात, मुझे सपनों में मिलने,खाटुवाला आता है,
मै देख उसे मुसकाता हुं, वो देख मुझे मुसकाता है
मै सोता हुं, वो आता है, हौले से मुझे जगाता है,
बैठा कर, मुझको लीले पर, खाटु की सैर कराता है,
खाटु का हर चप्पा चप्पा,रोशन हो जग मगाता है
हर रात ……
मन्दिर की सीढ़ी चढ़ता हुं, खाटु के राजा के संग में,
दरबार अनोखा देख के मैं, खो जाता हुं उसके रंग में,
खाटुवाला अपने हाथों से, छप्पन भोग खिलाता है
हर रात …..
हम बातों मे लग जाते हैं, सुबहा जल्दी हो जाती है,
‘बिट्टु’ और श्याम वो प्रेमी हैं, इक दिया है तो इक बाती है,
वापस घर आने के पहले, वो मुझको गले लगाता है
हर रात …..
LYRICS – SUNIL DHANANIA “BITTOO”
(Large – the window in front of me..)
Every night, Khatuwala comes to meet me in my dreams,
I smile seeing him, he smiles at me
I sleep, he comes, gently wakes me up,
Sitting, makes me go on a leela, Khatu’s tour,
Every piece of Khatu, illuminates the world
every night ……
I climb the stairs of the temple, in the company of the king of Khatu,
Seeing the court strange, I get lost in its color,
Khatuwala feeds fifty-six bhog with his own hands
every night …..
We get busy in talking, it’s early in the morning,
‘Bittu’ and Shyam are lovers
Before coming back home, he hugs me
every night …..
LYRICS – SUNIL DHANANIA “BITTOO”