तेरे ही भरोसे नैया छोड़ी रे कन्हैया
अब देर न कर नैया पड़ी है भवर
मेरे सांवरिया सांवरिया
तेरे ही भरोसे नैया छोड़ी रे कन्हैया।।
कौन दिसा में लेके चला रे कन्हैया हो
कौन दिसा में लेके चला रे
तुफानो से लड़ते लड़ते छूट गयी पतवार हो
तुफानो से लड़ते लड़ते छूट गयी पतवार हो
कौन निभाए साथ यहाँ पर किस से करू पुकार हो
करुणा सागर हे नागर कोई नहीं दातार हो।।
दरिया है गहरा छाया घोर अँधेरा
अब देर न कर नैया पड़ी है भवर
मेरे सांवरिया सांवरिया
तेरे ही भरोसे नैया छोड़ी रे कन्हैया।।
कौन दिसा में लेके चला रे कन्हैया हो
कौन दिसा में लेके चला रे
तुमसे मांझी और न कोई तुम दीनो का नाथ हो
तुमसे मांझी और न कोई तुम दीनो का नाथ हो
मुझ निर्बल का हे मन मनोहन आकर पकड़ो हाथ हो
जिनका ना कोई धीरज खोई उनके तुम ही साथ हो
सुनो जी कन्हाई घडी विपदा की आयी
अब देर न कर नैया पड़ी है भवर
मेरे सांवरिया सांवरिया
तेरे ही भरोसे नैया छोड़ी रे कन्हैया
गज की खातिर दौड़े आये वैसे आओ आज हो
गज की खातिर दौड़े आये वैसे आओ आज हो
ध्रुपद सुता की तुमने आकर राखी जैसे लाज हो
आलू सिंह मेरी लाज है तेरी तुम्ही मेरे नाथ हो
संकट हारी सँवारे शरण तुम्हारे
Rey Kanhaiya left his eyes on your trust
Don’t delay now Bhavar is lying
my sawariya saawariya
Rey Kanhaiya left his eyes on your trust.
Who took the direction in which Kanhaiya ho
Who took me in the direction
Fighting with storms, you lost your rudder
Fighting with storms, you lost your rudder
Who will play with whom here?
Karuna Sagar, Hey Nagar, no one is the datar.
The river is a deep shadow.
Don’t delay now Bhavar is lying
my sawariya saawariya
Rey Kanhaiya left his eyes on your trust.
Who took the direction in which Kanhaiya ho
Who took me in the direction
You are the manjhi and neither are you the Nath of the dino
You are the manjhi and neither are you the Nath of the dino
O mind of my weak, come and hold my hand
You are with those who have not lost any patience
Listen ji Kanhai clock came of calamity
Don’t delay now Bhavar is lying
my sawariya saawariya
Rey Kanhaiya left his eyes on your trust
Come running for the yard as it is today
Come running for the yard as it is today
Dhrupad Suta that you are ashamed to come and rakhi
Aloo Singh is my shame, you are my Nath
Your refuge is lost