” मैं सब दर घूम के देख लऐ ,
बंगलामुखी जेहा कोई दरबार मिलीया
मैनू सारे ही गम भूल गये ने जदों बंगलामुखी दा मैनु प्यार मिलीया ”
मैं बंगलामुखी दे लड़ लगीया , मेरे तो गम परे रहंदे
मेरी आसा उम्मीदा , दे सदा बूटे हरे रहन्दे…..॥
कदे वी लोड ना पैंदी , मैनु दर- दर तो मंगन दी ॥
मैं – मैं बंगलामुखी दी मंगती हाँ , मेरे पल्ले भरे रहंदे …॥
मैं बंगलामुखी तो जो मंगया , मेरी झोली विच पाया ऐ ॥
मैं सच आखा जो मन्न दे ने , सदा ही ओ तरऐ रहन्दे ॥
पीला वस्त्र पीला शस्त्र , पीला है भोग माता ॥
पीले बाने पीले बाने , भगत पाके मईया दे चरणी खड़े रहन्दे …॥
करो फरियाद नी सखियो , किते मेरी माँ ना रूस जावे ॥
जिहना नाल मात रूस जांन्दे , ऊ जिउदे जी मरे रहन्दे ॥
“I’ve been to all the doors,
I found a court like Banglamukhi
Mainu Saare Hi Gum Bhool Gaye Ne Jadon Banglamukhi Da Mainu Pyar Miliya”
I started fighting for Banglamukhi , my sorrows were beyond me
My hope and expectation, may the trees always remain green…..॥
I never need to ask for anything from every door.
I – I beg for banglamukhi, my palms are full…॥
I have found what I asked for from Banglamukhi.
I tell you the truth, those who believe in me are always saved.
Yellow clothes, yellow weapons, yellow is the mother of pleasure.
Peele Bane Peele Bane , Bhagat Pake Maiya De Charni Khade Rahnde …॥
Do not complain, my friend, that my mother may not be angry.
Whoever the mother is angry with, he lives and dies.