कन्हिया कन्हिया पुकारा करेंगे,
लताओं में बृज की गुज़ारा करेंगे ।
अगर रूठ जायेंगे हम से बिहारी,
चरण पड़ उनको मनाया करेंगे ।
बनायेंगे ह्रदय में हम प्रेम मंदिर ।
प्रेम के झूले पे झुलाया करेंगे ॥
उन्होंने छुडाए थे गज के वो बंधन ।
वोही मेरे बंधन छुड़ाया करेंगे ॥
उन्हें प्रेम डोरी से हम बाँध लेंगे ।
फिर कैसे वो भाग जाया करेंगे ॥
कभी तो मिलेंगे वो बांके बिहारी ।
उनके चरण चित्त बसाया करेंगे ॥
स्वरपूनम यादव
Kanhiya will call Kanhiya,
Brij will survive in the vines.
If Bihari will get angry with us,
They will be celebrated by the footsteps.
We will build a love temple in the heart.
Will swing on the swing of love
He had freed those bonds of yards.
He will free me from my bondage.
We will tie them with a love string.
Then how will he run away?
Will you ever meet Banke Bihari?
His feet will be settled.
swarapoonam yadav