नज़ाकत छोड़ के हम तो सरे बाज़ार नाचे गये,
साईं दरबार नाचे गये,
नचने दे मुझे नचने दे बाबा के दवारे मुझे नचने दे,
पाओ में पायल बालो में गजरा आँखों में मेरी कजरा है ॥
सजने दे मुझे सजने दे अरे बाबा के लिए मुझे सजने दे,
मिरदंग बाजे ढोलक बाजे साईं भजन में तबला भाजे,
अरे डेल्ही में मेला लगा है साईं नाथ का,
आओ दीवानों जशने मनाये,
आये है जी आये है मेला घुमन आये है,
फेसला वाही होगा जात और पात का,
आओ दीवानों शिर्डी चले,
डेल्ही में मेला लगा है साईं का….
Leaving Nazakat, we danced all over the market,
Sai Darbar danced,
Let me dance, let me dance through Baba,
I have eyes in my eyes in anklets.
Let me decorate, let me decorate for Baba’s sake,
Mirdang Baje, Dholak Baje, played the tabla in Sai Bhajan,
Hey there is a fair in Delhi for Sai Nath,
Come, let’s celebrate the festival,
Have come, have come, have come to visit the fair,
The decision will be the same, of caste and paat,
Let’s go to Shirdi lovers
There is a fair of Sai in Delhi….