पर्दा ना कर पुजारी दिखने दे राधा प्यारी,
मेरे पास वक्त कम है और बात है ढेर सारी,
कहने दे मुझको मेरे मन में जो चल रहा है,
एक आस के सहारे जीवन निकल रहा है,
बड़ी मुश्किल को सेह कर आई है मेरी बारी,
पर्दा ना…….
जग ने जो तीर मारे मै थक के गिर पड़ी थी,
जब होश आयी मुझको श्यामा सामने खड़ी थी,
फिर हाथ ऐसा थामा चडी नाम की खुमारी,
पर्दा ना……
भव सिंधु में गिरी थी कैसे मुझे उबारा,
मैं खुद नहीं हूँ आयी इनका हुआ इशारा,
क्या क्या सुनाये तुमको हरिदास ये बिचारी,
पर्दा ना……..
स्वरपूनम यादव
Don’t put the veil, let the priest see Radha dear,
I have less time and a lot of talk,
Let me say whatever is going on in my mind,
Life is coming out with the help of one hope,
My turn has come after suffering great difficulty,
Curtain no……
I had fallen tired of the arrows that the world had shot.
When I came to my senses, Shyama was standing in front of me,
Then the hand held such a joy named Chadi,
Curtain no……
How did the Bhav fall in the Sindhu rescue me,
I am not myself.
What should I tell you, Haridas, this poor man,
Curtain no…….
swarapoonam yadav